शेष बचे चार दोषियों पर जुर्माना
गुवाहाटी,(media saheb) सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को 30 अक्टूबर, 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपित 14 अभियुक्तों में से मुख्य आरोपी रंजन दैमारी समेत दस अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि तीन अभियुक्तों पर अदालत ने जुर्माना लगाया है। एक अभियुक्त निलीम दैमारी को दो मामलों में दोषी पाए जाने के संबंध में 200 रुपये का जुर्माना लगाते हुए जेल से छोड़ने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए चक्रवर्ती ने 15 अभियुक्तों में से सोमवार को संदेह का लाभ देते हुए मृदुल ग्यारी को पहले ही दोष मुक्त करते हुए अदालत ने सजा का ऐलान बुधवार को करने की तिथि निर्धारित की थी। अदालत से आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में उग्रवादी संगठन एनडीएफबी (रंजन गुट) के प्रमुख मुख्य अभियुक्त रंजन दैमारी, जॉर्ज बोडो, अजय बसुमतारी, राहुल ब्रह्म, राजेन ग्यारी, अंसाई बोड़ो, लखरा बसुमतारी, इंद्र ब्रह्म, वैशाखी बसुमतारी और राजू सरकार शामिल हैं। जबकि जयंती ब्रह्म, प्रभात बोडो और मथुराम ब्रह्म को अदालत ने जुर्माना लगाया है।
अदालत के इस निर्णय से उग्रवादी संगठन एनडीएफबी (रंजन गुट के) परिजनों को राहत मिली है| साथ ही बम विस्फोट में अपने प्रियजनों को गंवाने वाले पीड़ितों में मायूसी देखी गई है। कारण पीड़ित पक्ष यह मान कर चल रहे थे कि अदालत निश्चित तौर पर आरोपियों को मृत्युदंड की सजा देगा। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कहीं न कहीं पूरे तौर पर न्याय नहीं मिलने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के रंजन दैमारी गुट के द्वारा 30 अक्टूबर, 2008 को गुवाहाटी के तीन स्थान गणेशगुड़ी, कचहरी और पान बाजार के अलावा बरपेटा जिला, बंगाईगांव जिला व कोकराझार जिला में कुछ मिनटों के अंतराल में सिलसिलेवार कुल आठ बम विस्फोट किए गए थे।
विस्फोट में सरकारी तथ्यों के अनुसार 88 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 540 व्यक्ति जीवनभर के लिए अपंग हो गए थे। अदालत ने धारा 120 (बी) /302/ 324/327/ 435 और 437 के तहत 14 आरोपितों को दोषी पाया था|
गैरकानूनी कार्यकलाप में शामिल होने के मामले में धारा 9/13/16 व 20 के तहत भी आरोपितों को दोषी करार दिया गया है। गुवाहाटी के चांदमारी स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के अतिरिक्त कोर्ट नंबर 1, 2 और 3 में इस मामले की सुनवाई पूरी हुई। सीबीआई द्वारा इस मामले में कुल 22 लोगों को आरोपित बनाते हुए चार्जशिट दाखिल की थी। इसमें से एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है, जबकि जमानत के बाद से छह अभियुक्त फरार हैं। 15 आरोपितों को सीबीआई ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया था। न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर रंजन दैमारी समेत 14 को दोषी करार दिया था। अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए मृदुल ग्यारी को मामले से बरी कर दिया था। बम विस्फोट कांड की जांच सीबीआई को वर्ष 2009 में सरकार ने सौंपी थी।
बावजूद इसके जांच में आशा अनुरूप प्रगति न होते देख राज्य में सत्ता बदलने के बाद भाजपा नीत गठबंधन सरकार ने जांच में तेजी लाने के लिए वर्ष 2017 के दिसम्बर माह में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर बम विस्फोट कांड की जांच को गति दी। अंततः इस मामले में सोमवार को न्यायाधीश एके चक्रवर्ती ने अपना फैसला सुनाते हुए 14 लोगों दोषी पाया। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में सीजीएम कोर्ट में कुल 74 गवाहों की गवाही दर्ज हुई थी। 650 लोगों की सीबीआई की अदालत में गवाही हुई थी, जबकि सीबीआई ने 687 अहम दस्तावेज अदालत के सामने पेश किया था। अदालत द्वारा सजा का ऐलान किए जाने के मद्देनजर अदालत परिसर व आसपास के इलाके में सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए थे
। कारण सोमवार को रंजन दैमारी के समर्थकों ने अदालत परिसर में जमकर नारेबाजी की थी। बोडोलैंड इलाके में भी सुरक्षा को बेहद पुख्ता बनाया गया है। अदालत के फैसले के बाद बोडोलैंड इलाके में हिंसक स्थिति उत्पन्न होने की सुरक्षा बलों ने आशंका जताई थी। /हि.स.