रायपुर (mediasaheb.com) दंतेवाड़ा कोर्ट ने 12 वर्ष पहले रायपुर से गिरफ्तार कथित महिला नक्सली निर्मलक्का को रिहा कर दिया है। कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर जुर्म साबित नहीं होने पर उसके रिहाई के आदेश मंगलवार 2 अप्रेल को दिये थे। आदेश के आधार पर बुधवार को उसे केन्द्रीय कार्यालय से रिहा कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में निर्मलक्का को नक्सली बताते हुए पुलिस ने उसके पति चन्द्रशेखर रेड्डी के साथ पुलिस ने रायपुर से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ कई नक्सली वारदातों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए नक्सली बताया गया था। 12 वर्ष तक वह जेल में रही।
इस बीच अदालत में उसके खिलाफ कई मामलों में सुनवाई चलती रही। उसके खिलाफ 157 मामले दर्ज किये गये थे।पुलिस द्वारा कई सबूत पेश किये गये और गवाहों के बयान भी करवाये गये। 2 अप्रेल को दंतेवाड़ा कोर्ट ने सभी अलग-अलग मामलों में सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर उसके खिलाफ जुर्म साबित होना नहीं पाया और उसे रिहा करने का आदेश दिया। दंतेवाड़ा कोर्ट के आदेश पर बुधवार को दोपहर 12 बजे उसे जेल से रिहा कर दिया। उसके पति को पूर्व में ही अदालत के आदेश के बाद छोड़ा जा चुका है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में निर्मलक्का के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है। वहीं अदालत के आदेश के बाद जगदलपुर केन्द्रीय कारागार से रिहा निर्मलक्का का कहना है कि अब वह शांतिपूर्वक अपने पति और बच्चों के साथ आराम से जीवन-जीना चाहती है। उल्लेखनीय है कि अदालतों में ऐसे अनेक कथित नक्सलियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में मामले सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं।(हि.स.)।