बस्तर में 804 बच्चों की मौत पर उसेंडी का प्रदेश सरकार पर तीखा वार
रायपुर, (mediasaheb.com) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने छत्तीसगढ़ (#Chhattisgarh ) के बस्तर क्षेत्र में इस बीते एक साल में 804 मासूम बच्चों की हुई मौत से संबंधित खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे प्रदेश सरकार के कुशासन की बेहद संवेदनहीन और कलंकित कार्यप्रणाली का प्रतीक बताया है। श्री उसेंडी ने कहा कि पूर्ववर्ती प्रदेश भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (#Pm_Narendra_Modi ) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार (#Central_Govt. ) के स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं में अड़ंगा डालकर प्रदेश सरकार ने जिस राजनीतिक प्रतिशोध की क्षुद्रता का परिचय दिया, बस्तर क्षेत्र के 804 बच्चों की पिछले एक साल में हुई मौतें उसी का नतीजा है।
भाजपा (#BJP ) प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुविधाओं में इजाफे के सरकारी ढोल जितने शोर से बजाए जा रहे हैं, सरकार की पोल भी उतनी तेजी से खुलने लगी है। जगदलपुर (#Jagdalpur ) स्थित मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में पिछले एक साल में 804 बच्चों की मौतों का खुलासा होने के बाद प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को एक पल भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। श्री उसेंडी ने कहा कि मरने वाले बच्चों में 575 तो महज एक दिन से 30 दिन की उम्र के ही थे जबकि 235 बच्चों की उम्र एक माह से नौ साल तक की थी। इन बच्चों की मौत की वजह सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि बदहाल चिकित्सा प्रबंधों का आलम यह है कि हर दिन दो मासूमों की लाश उनके माता-पिता को सौंपते हुए प्रदेश सरकार (#State_Govt. ) की संवेदनाएं इन मौतों पर भी पिघल नही रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में बस्तर की बेबसी इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी इलाकों के प्रति पूरी तरह उदासीन हो चली है और इन आदिवासियों को झूठे सब्जबाग दिखाकर केवल उनका राजनीतिक इस्तेमाल करने में माहिर हो गई है। आदिवासियों के कल्याण के नाम पर अपना गाल बजाते कांग्रेस नेताओं को मासूम बच्चों की मौतों का सिलसिला आखिर झकझोर क्यों नहीं रहा है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने इसी के साथ प्रदेश में बदहाल चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की नियुक्ति पर्याप्त नहीं होने से प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा-सी गई है। प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल से लेकर ब्लॉक मुख्यालयों तक चिकित्सकों का टोटा है और प्रदेश सरकार अब स्मार्ट कार्ड योजना के तहत निजी अस्पतालों में भी कई बीमारियों का उपचार बंद कर रही है। प्रदेश की सरकार (#State_Govt. ) किस तरह आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है, वह बस्तर की मासूमों की मौत की आंकड़े साफ-साफ बता रहे हैं। असमय मौतों के शिकार ये बच्चे नवा छत्तीसगढ़गढ़ (#Chhattisgarh ) सकते थे। अब प्रदेश सरकार (#State_Govt. ) बताए कि इन बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या आदिवासी कांग्रेस (#Congress ) और उसकी प्रदेश सरकार के लिए सिर्फ वोट बैंक हैं? श्री उसेंडी ने कहा कि जेएनयू-हैदराबाद के बच्चों की चिंता में दुबला होने के बजाय प्रदेश सरकार और उसके मंत्री अपने उन कामों की चिंता करें जिसके लिए वे वेतन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर तरह की सस्ती राजनीति छोड़ सीएम को इस मामले में गंभीर होना चाहिए, वरना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की तरह ही इस सरकार को भी इतिहास माफ नहीं करेगा।