कोरबा, (media saheb) सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के दो दिवसीय हड़ताल का असर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के औद्योगिक क्षेत्र में भी देखा गया। ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल की तैयारी काफी दिनों पहले से ही कर ली थी। इसके चलते मंगलवार की सुबह से ही बालको और एसईसीएल में ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा सुबह पांच बजे से ही काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दिया गया।
जिले में लगभग सभी उद्योगों को मिलाकर पचास हजार से अधिक लोग आज हड़ताल में शामिल हुए। केन्द्र सरकार की आर्थिक, जन और श्रम विरुद्ध नीतियों के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन मान्यता प्राप्त दस ट्रेड यूनियनों ने तीन माह पूर्व हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी थी। बालको और एसईसीएल में हड़ताल का खासा असर देखने को मिल रहा है। कई जगहों पर प्रबंधन भी मुस्तैद नजर आ रहा है। ऑउटसोर्सिंग के जरिये काम कराया जा रहा है जिससे उत्पादन में प्रभाव पड़ने की संभावना कम है।
विद्युत कंपनी में इंटक के द्वारा काली पट्टी लगाकर विरोध जताया जा रहा है। इधर बालको , मानिकपुर, गेवरा, कुसमुंडा और दीपका खदान में सुबह छह बजे से ही ड्यूटी जाने वाले कर्मियों को रोक दिया गया। वहीं भूमिगत खदान में आठ बजे फिर कर्मियों को रोका गया।
हड़ताल का समर्थन करने वालों में बीमा, डाक, तार घर, बीएसएनएल, एसईसीएल, बालको, विद्युत कंपनी, राज्य शासन के उपक्रम एवं तृतीय वर्ग कर्मचारी के लोग शामिल है। हड़ताल को देखते हुए पुलिस की व्यवस्था खदानों में चाक चौबंध रही। प्लांटों में अलग-अलग पेट्रोलिंग टीम को तैयार किया गया। सभी थाना चौकी के प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखे।
हड़ताल में शामिल यूनियनों से भी कहा गया है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित ना करें, जो कामगार ड्यूटी में जाना चाहते है उन्हें जबरन रोकने का प्रयास ना किया जाए। आपातकाल के लिए रिजर्व पुलिस बल भी मंगाए गए है। इधर एसईसीएल प्रबंधन ने काम पर ना आने पर वेतन कटने की चेतावनी दी है। कोल इंडिया बने हड़ताल को वैधानिक घोषित करते हुए आधिकारिक वर्ग की विशेष ड्यूटी स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई है।
चेयरमैन ए के झा के द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी अपील पत्र में कहा है कि कोयला उद्योग लोक उपयोगी सेवा है। कर्मचारियों की अधिकांश मांग पूरी हो चुकी है और जो हड़ताल की जा रही है वो कोल इंडिया से जुड़े मुद्दों पर बल्कि बाहरी मुद्दों पर है। झा ने कहा कि देश को कोयले की जरुरत है, हड़ताल से विपरीत असर पड़ेगा। (हि.स.)।