जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर आठ लाख रुपये का था इनाम, 32 जवानों की हत्या का आरोप
जगदलपुर, (mediasaheb.com) आंध्र प्रदेश के बड़े नक्सली नेताओं के मानसिक उत्पीड़न से क्षुब्ध हार्डकोर नक्सली मड़कम अर्जुन ने आज सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उसके खिलाफ 2010 से 2017 तक 32 जवानों की हत्या का मुकदमे दर्ज हैं। उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। मड़कम अर्जुन ने छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया।
बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा और सुकमा के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि मड़कम अर्जुन अपने गीतों, नाटकों और भाषणों से लोगों को प्रभावित करता रहा है। उसने बड़ी संख्या में युवकों को संगठन से जोड़ा। ऐसे युवक एरिया और डिवीजन स्तर पर सक्रिय हैं। अर्जुन को केरलापाल एरिया कमेटी इंचार्ज मंदना उर्फ जग्गू ने 1998 में बाल संगठन सदस्य के रूप में भर्ती किया था। 2001 में उसे प्रतिबंधित माओवादी संगठन में स्थाई सदस्य बनाया गया। इसके बाद उसे क्रमश: बासागुड़ा एरिया कमेटी में फरवरी 2003 तक सीएनएस सदस्य, 2003 से नवंबर 2003 तक डिवीजन सीएनएम सदस्य, दिसंबर 2003 से जुलाई 2004 तक एसजेडसी लेंगू का गनमैन, अगस्त 2004 से जुलाई 2007 तक पामेड़ एरिया कमेटी में सीएनएम अध्यक्ष, अगस्त 2007 से जून 2011 तक डीकेसीएनएम कमांडर, 2011 से वर्तमान तक डीवीसी के पद पर डिवीजन सीएनएम इंचार्ज के साथ-साथ साल 2013 से 2016 तक कोंटा एरिया कमेटी इंचार्ज का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।
इन बड़ी वारदात में रहा शामिल
साल 2010 में झाराघाटी-नारायणपुर एंबुश में पांच जवान शहीद।
साल 2014 में कसालपाड़ मुठभेड़, 14 जवान शहीद।
साल 2015 में जग्गावरम मुठभेड़, एक नक्सली मारा गया।
साल 2017 में कोत्ताचेरू मुठभेड़, 12 जवान शहीद।
कमजोर हुआ संगठन
अर्जुन के विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों अपराध दर्ज हैं। पुलिस पूछताछ में अर्जुन ने कहा है कि साल 2016 से दक्षिण बस्तर डिवीजन में नक्सली संगठन अत्यंत कमजोर हो गया है। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई, बड़े कैडरों के सरेंडर, निचले स्तर में कार्यरत संगठन सदस्यों की गिरफ्तारी, समर्पण के अलावा क्रिस्टारम व भेज्जी मार्ग में कैम्प स्थापित होने से संगठन कुछ क्षेत्रों में सिमट गया है। हाल में कुछ नए कैम्प स्थापित होने से नक्सली पलायन कर रहे हैं।
हो रहा है भेदभाव
अर्जुन ने पूछताछ में यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बड़े नक्सली छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं। बस्तर के स्थानीय नक्सली कैडरों से भेदभाव कर हमेशा दबाव बनाए रखते हैं। उन्हें अच्छा काम करने पर भी आगे बढ़ने नहीं दिया जाता। हाल ही में डिवीजन सचिव विकास के प्रेस नोट पर अर्जुन ने बताया कि नक्सलियों ने उसके ऊपर अनैतिक संबंध का झूठा इल्जाम लगाया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मड़कम अर्जुन को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।(हि.स.) ।