नई दिल्ली,(mediasaheb.com)। राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही सीलिंग तथा मॉनिटिरंग कमेटी के तानाशाही रवैये से परेशान कारोबारियों ने इसको तुरंत भंग किए जाने की मांग की है। कारोबारियों ने ये मांग कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के नेतृत्व में कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित सम्मेलन में सोमवार को की। कैट द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में कारोबारियों के अन्य संगठनों ने भाग लिया। व्यापारियों ने एक ओर मॉनिटरिंग कमेटी को तुरंत भंग किए जाने की मांग की। वहीं, प्रदूषण का बहाना लेकर दिल्ली के कारोबारी प्रतिष्ठानों और औद्योगिक क्षेत्रों में हो रही सीलिंग तथा सीलिंग को लेकर दी गई हजारों नोटिस पर रोष जताया।
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के नेतृत्व में कारोबारियों ने ये निर्णय लिया कि यदि कारोबार को चलाने के लिए व्यापारियों को न्यायालय की शरण में भी जाना पड़े तो दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठन इसके लिए तैयार हैं। सम्मेलन में उपस्थित कारोबारियों ने इसे व्यापार के लिए आर-पार की लड़ाई बताया। कैट ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि दिल्ली के व्यापार को बचाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम लाई जाए, जिसके तहत 31 दिसंबर, 2018 तक जो जहां है के आधार पर छूट दी जाए। इसके लिए यदि सरकार ठीक समझे तो उचित पेनाल्टी ले सकती है। लेकिन भविष्य के लिए नियम एवं कानूनों पालन सख़्ती किया जाए, ताकि कारोबारी अपना व्यापार निश्चिंत होकर कर सकें।
सम्मेलन में व्यापारी नेताओं ने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी ने सभी नियमों एवं कानूनों को ताक पर रख दिया है। कमेटी जबरदस्ती और मनमाने तरीके से अतिरिक्त संवैधानिक संस्था की दुआई देते हुए दिल्ली में सीलिंग कर रही है।
कैट महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा आवश्यक संशोधन के बाद भी जिन व्यापारियों की दुकानें सील मॉनिटरिंग कमेटी ने सील की थी वो आज तक नहीं खोली गई है। कारोबारियों का कहना है कि मॉनिटरिंग कमेटी अपने नियम स्वयं निर्धारित किए हैं जो कि गैरकानूनी है। कैट इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयार कर रहा है। खंडेलवाल ने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी के तीनों सदस्य 75 साल की आयु पार कर चुके हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकार में 60 साल और न्यायाधीशों की सेवानिवृति की आयु 65 साल निर्धारित है।
कारोबारी संगठनों का कहना है कि मॉनिटरिंग कमेटी का गठन केवल रिहायशी इलाकों में अवैध कमर्शियल गतिविधियों को लेकर हुआ था, लेकिन कमेटी ने दिल्ली के व्यापार को बर्बाद करके रख दिया है। कमेटी पर आरोप लगाते हुए कैट ने कहा कि अपनी सीमा से बाहर जाकर सीलिंग के किए गए हैं। कैट जल्द इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी तथा दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग करेगा। (हि.स.)


