नई दिल्ली/(media saheb) यूपीए सरकार के दौरान चलाई गई 80:20 गोल्ड स्कीम को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) नया एफआईआर दर्ज करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक यह मामला सीएजी की रिपोर्ट दर्ज किया जाना है। सीबीआई के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक यूपीए सरकार की ओर से चलाई गई 80:20 गोल्ड स्कीम को लेकर सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कराने जा रही है।
लोकसभा में बहस के दौरान भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे ने तत्कालीन वित्तमंत्री, आरबीआई गवर्नर और वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
यूपीए सरकार में इस स्कीम को 2013 के दौरान लागू किया था। देश के आर्थिक घाटे और सोना आयात को कम करने के मकसद से यह योजना शुरू की गई थी लेकिन पंजाब नेशनल बैंक घोटाले की जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि घोटाले में शामिल नीरव मोदी व मेहुल चोकसी ने योजना का दुरुपयोग कर लाभ कमाया।
इसके साथ ही आरबीआई ने मई 2014 के दौरान इस स्कीम के तहत नियमों में ढील दी थी। हालांकि इसमें आरबीआई को वित्त मंत्रालय का भी समर्थन हासिल था। इस ढील के चलते सोना कारोबार में खुलकर हेराफेरी करने का मौका मिला।
इन कारोबारियों की सूची में नीरव मोदी व मेहुल चोकसी का नाम भी शामिल है। इसी वजह से सीएजी ने 2016 के दौरान पाया था कि इस स्कीम के कारण सरकारी खजाने को एक लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। इसलिए अब सीबीआई इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है।
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