इस्लामाबाद,(media saheb) अमेरिकी सिखों के संगठनों ने पाकिस्तान सरकार से करतारपुर साहिब परिसर (केएससी) के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं करने की अपील की है। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। दरअसल, अमेरिकन सिख काउंसिल (एएससी) और सिख इन अमेरिका (एसआईए) ने यह अपील की है। समाचार पत्र ‘डॉन’ अखबार ने एएससी अध्यक्ष डॉ. गुरदास सिंह और एसआईए के अध्यक्ष गुरिंदर पाल सिंह के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान सरकार मूल पुरातात्विक और सांस्कृतिक ढांचे तथा परिसर में बदलाव कर सकती है।
विदित हो कि नवंबर में भारतीय मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर को मंजूरी दी और 26 नवंबर को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में एक कार्यक्रम में डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। भारत की तरफ शिलान्यास के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर के लिए 28 नवंबर को आधारशिला रखी थी। डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से करीब चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर करतारपुर साहिब स्थित है। इसकी स्थापना सिख गुरु ने सन 1522 में की थी।
एएससी की वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, पाकिस्तान या दुनिया भर से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के ठहरने के इंतजाम के लिए मुख्य केएससी से कुछ दूरी पर रेस्टरूम आदि का निर्माण होना चाहिए ताकि करतारपुर साहिब मूल स्वरूप में बना रहे। अमेरिकी सिख नेताओं का कहना है कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जुड़ी करीब 100 एकड़ में फैले प्राकृतिक क्षेत्र और रावी नदी के पास के इलाके को यथासंभव उसके मूल स्वरूप में रहने देना चाहिए और इस जगह के वैभव को बनाए रखना चाहिए। (हि.स.)।