बेगूसराय, (mediasaheb.com) । बेगूसराय के दिनकर कला भवन में ‘द प्लेयर्स एक्ट’ (The players act )के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग उत्सव के दूसरे दिन गुरुवार की रात ‘साहेब, बीवी और गुलाम’ का मंचन किया गया। इससे पूर्व अतिथियों ने दूसरे दिन के कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
विमल मित्रा की कालजयी रचना ‘साहेब, बीवी और गुलाम’ का निर्देशन करके भारतीय नाट्य अकादमी से पासआउट युवा रंग निर्देशक गुंजन सिन्हा ने बेगूसराय के कला दर्शकों के बीच अपनी एक अलग छाप छोड़ी। नाटक ने ब्रिटिश राज के दौरान 190वीं शताब्दी के अंत तथा 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में बंगाल में क्षोभ और सामंतवाद के दुखद पतन की झलक दिखा दी, जिसमें एक कुलीन (साहेब) की एक सुंदर अकेली पत्नी (बीबी) और एक कम आय का अंशकालिक दास (गुलाम) के बीच एक आदर्शवादी दोस्ती को दर्शाने की कोशिश की गई।
कलाकार ने उन राजा-रईसों के वैभव-विलास और अमोद-प्रमोद का चित्रण किया, जो कभी आलीशान महलों में बड़ी शान और शौकत से रहा करते थे। साथ ही उनके निरीह सेवकों और गुलामों की विवशता का भी हृदयस्पर्शी है, जो दिन-रात उनकी सेवा में लगे रहते हैं। सामंती परिवार का वह भीतरी परिवेश इसमें पूरे प्रभाव के साथ उभरा है, जिसमें अपरिमित सुखों के बीच अलग-अलग तरह के दुख पालते रहते हैं। पूरी कथा ओवरसीयर भूतनाथ की जुबानी सामने आती है, जो वतर्मान का संवाहक होकर भी अतीत की यादों में खोया रहता है।
अंतःपुरवासिनी ‘छोटी बहू’ उसके ही मन पर नहीं, दर्शकों के मन पर भी छायी रही। नाटक को द प्लेयर्स एक्ट के अभिनेताओं ने आजादी से पूर्व कोलकाता में जमींदारों की रईसी, अय्याशी और आपसी रंजिश को अपने सधे हुए अभिनय से जीवंत कर दिया। भूतनाथ की भूमिका में कुंदन कुमार, घड़ी बाबू की भूमिका में गुंजन कुमार, छोटे बाबू के किरदार में सचिन कुमार और छोटी बहू की भूमिका में नेहा वर्मा ने अपने-अपने चरित्र को जीवंत कर दिया। सविनय बाबू की भूमिका में मनोरंजन मधुकर, जबा की भूमिका में सोनम वर्मा, मास्टर बाबू की भूमिका में रमण चंद्र वर्मा, चुन्नी बाई की भूमिका में श्रुति और वंशी की भूमिका में मोहित मोहन अपने सशक्त अभिनय से खूब वाहवाही लूटी।
रमण चंद्र वर्मा का सेट डिजाइन, गुंजन कुमार के प्रकाश परिकल्पना तथा अभिजीत के संगीत ने नाटक को असरदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुमार अभिजीत मुन्ना के मंच संचालन ने कार्यक्रम को और भव्यता प्रदान की। (हि.स.)