कोलकाता, (mediasaheb.com) । सारदा चिटफंड घोटाला मामले में साक्ष्यों को मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दी है।
गत 30 मई को राजीव कुमार ने हाईकोर्ट की अवकाश कालीन पीठ में अपनी गिरफ्तारी पर रोक की मांग संबंधी याचिका लगाई थी।पहले हाईकोर्ट ने 10 जुलाई तक की रोक लगायी थी और फिर इसे बढ़ाकर 22 जुलाई कर दिया था। जस्टिस मधुमति मित्रा ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक को एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया है। इसके साथ ही राजीव कुमार को चिटफंड मामले में सीबीआई अधिकारियों के साथ पूछताछ में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार फिलहाल पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक हैं। मई अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने उन पर लगी गिरफ्तारी की रोक को हटा ली थी जिसके बाद अपनी गिरफ्तारी को टालने के लिए कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उसी समय कोर्ट ने कुमार को निर्देश दिया था कि सीबीआई के अधिकारी जब चाहें तब उनके घर आकर पूछताछ कर सकते हैं।इसके अलावा बुलाए जाने पर उन्हें सीबीआई दफ्तर में भी हाजिर होने को कहा गया था।
पश्चिम बंगाल में सारदा चिटफंड घोटाले में लाखों लोगों का अरबों रुपया डूब गया। चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन, उनके सहयोगी देबजानी मुखर्जी और कई अन्य प्रभावशाली नेताओं के इस घोटाले में संलिप्तता के आरोप हैं। इस मामले में जांच के लिए राज्य सरकार ने राजीव कुमार के नेतृत्व में 2013 में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जिसने बंगाल छोड़कर भाग चुके सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन और उसकी सहयोगी देबजानी को कश्मीर के सोनमार्ग स्थित एक होटल से धर दबोचा था।दोनों के पास से एक लाल डायरी, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई अन्य ऐसे दस्तावेज बरामद हुए थे, जिसमें चिटफंड समूह से रुपये लेने वाले प्रभावशाली नेताओं का जिक्र था। वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने इस घोटाले की जांच शुरू की थी तब एसआईटी ने इन दोनों के पास से बरामद हुए लैपटॉप, डायरी और अन्य दस्तावेजों को आज तक सीबीआई को नहीं सौंपा है। इस एसआईटी के मुखिया बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के तत्कालीन आयुक्त राजीव कुमार ही थे। (हि.स.)


