दिल्ली, (mediasaheb.com) आज जिस तरह से सड़क दुर्घटनाओं ( Road Sefety )में इजाफा हो रहा है, बेहद चिंतनीय है। इसके लिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने और उन्हें यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाने की बेहद आवश्यकता है। सरकार इसको ध्यान मे रकते हुवे मोटर एवं सड़क क़ानून मे संशोधन लाए है । सरकार का मंशा पैसा (कलेशन ) बढाना नहीं है, बल्कि सुरक्षा के लिए सभी को प्रेरित करना है, लोगों मे जब क़ानून का भय होगा तब लोग ग़लतियाँ भी नहीं करेंगे जैसे की पहले रेप का गुनहगार कुछ दिन की सजा पा कर छूट जाता था, पर अब नए क़ानून के अंतर्गत, रेप की साजा मौत है यही कारण है की गुनहगारो की संख्य में कमी आयी है। उसी तरहा रोड सेफ़्टी को ध्यान में रकते हुवे चालान मे बढ़ोत्तरी की गई है ताकी नागरिक – जन सड़क सुरक्षा का ध्यान रखे, साथ ही ख़ुद का ध्यान रख सके।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने का अर्थ है, कि आप अपनी जीवन की सुरक्षा के प्रति सजग हैं और अपनी जान की परवाह करते हैं, वहीं जो लोग सड़क सुरक्षा को महत्व नहीं देते, ऐसे लोग अपनी जान से हाथ गवां बैठते हैं, कई बार उनकी लापरवाही की वजह से अन्य लोगों को भी इसका गंभीर नुकसान भुगतना पड़ता है।
सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को अपने-अपने घरों में अपने बच्चों को अथवा अपने दोस्तों को सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत करवाना चाहिए।
इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों से अवगत करवाना चाहिए समय-समय पर सड़क सुरक्षा से जुड़े विषय पर सेमिनार और कैंप आदि का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाया जा सकें और दुर्घटना से बचाया जा सकें ताकी वो अपने जीवन की रक्षा कर सकें।
आज हर कोई इतनी जल्दी में रहता है कि, अपने मंजिल तक जल्दी पहुंचने की होड़ में ओवरटेक करता है। या फिर स्पीड से वाहन चलाकर यातायात नियमों का पालन नहीं करता है, जिससे कई बार व्यक्ति को इन सभी कारणों की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है,
या अपाहिज बनकर इसका खामियाजा जिंदगी भर के लिए भुगतना पड़ता है, वहीं पिछले कुछ सालों में स्पीड और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी की वजह से होने वाली सड़क हादसों में काफी वृद्धि भी हुई है, जो कि काफी चिंताजनक है।
सड़क हादसों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े –
सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं होने की वजह से सड़क हादसों का ग्राफ आसमान छू रहा है, वहीं सड़क हादसों से जुड़े कुछ आंकड़े इस प्रकार हैं –
दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में हर रोज करीब 3000 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
भारत में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों की भेंट चढ़ जाते हैं और उनकी अपनी जान गवां बैठते हैं।
सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या में करीब 50 फीसदी लोग पैदल यात्री या फिर 2 पहिया पर चलने वाले होते हैं।
सड़क दुर्घटनाओं में भारत में रोजाना करीब 16 मासूम बच्चे अपनी जान गंवा बैठते हैं।
सड़क हादसों में हुए एक शोध के मुताबिक अगर इस हालत पर काबू नहीं पाया गया तो साल 2020 तक करीब 20 लाख लोग हर साल सड़क हादसों की भेंट चढ़ेंगे।
वहीं इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए, हम सभी को एकजुट होकर सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, और साथ ही इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।