लॉस एंजेल्स, (mediasaheb.com) विश्व में मंदी के आसार के मद्देनज़र अमेरिका और यूरोपीय मार्केट में गिरावट रही। अमेरिका के तीनों इंडेक्स में 1.9 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत की गिरावट का असर एशियाई मार्केट में भी देखा गया। फ़ेडरल रिज़र्व की ओर से बुधवार को संकेत दिया गया था कि आर्थिक विकास में धीमी गति के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में ब्याज दर नहीं बढ़ाए जाने की घोषणा की गई थी। मंदी के आसार को लेकर प्रमुख अर्थ शास्त्रियों में मतभेद हैं।
शुक्रवार को अमेरिका के तीन इंडेक्स में डाऊ जोंस 1.8 %, एस एंड पी 500 1.9% और नेस्डैक 2.5% प्रतिशत नीचे गिर गए। यह पिछले तीन महीनों में सर्वाधिक गिरावट है। ग्रैंट थोर्टोन के चीफ़ अर्थ शास्त्री डेने सवोंक ने कहा है कि यूरोप में मैन्यूफैक्चरिंग पावर हाउस जर्मनी में पिछले महीने निर्माण कार्य में भारी कमी, ब्रेक्सिट और अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व की ओर से नरमी के रुख का मार्केट पर बुरा असर पड़ा है। उनका यह भी कहना था कि वित्तीय मार्केट में भी कोई सुधार नहीं हुआ।
इसका एक और बड़ा कारण यह रहा है कि फ़ेड रिज़र्व की इस घोषणा से निवेशक डर गए। फ़ेड रिज़र्व की ओर से अमेरिकी बांड जारी किए जाते हैं ताकि उस धन को मार्केट में लगाया जा सके। इस तरह बांड की ख़रीदारी कम होने का मार्केट पर प्रतिकूल असर पड़ना लाज़मी है। फिर निवेशकों को अपनी धनराशि वापस लेने में भी समय लग सकता है। इसके विपरीत इंवेस्को में मुख्य अर्थशास्त्री क्रिस्टीना हूपर का मत है कि मंदी के आसार नहीं हैं।(हि.स.)।