नई दिल्ली, (mediasaheb.com)। PM नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में कहा कि विश्व-युद्ध के खतरों से विश्व उभर चुका है लेकिन अब विकास और सुख-शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरा है। उनका मानना है कि ब्रिक्स देशों के आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ किए गए प्रयासों से आतंकवाद से होने वाले अप्रत्यक्ष नुकसान में कमी आयेगी।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दस सालों में आतंकवाद के हाथों सवा दो लाख जीवन मिटे और समाज को गहरी क्षति हुई। इसके अलावा विश्व अर्थव्यवस्था को विभिन्न अनुमानों के अनुसार एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ और इसने विकासशील देशों के आर्थिक विकास को 1.5 प्रतिशत तक कम किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स देशों की रणनीति पर पहला सेमिनार आयोजित किया गया है। ऐसे प्रयासों और पांच कार्यसमूहों की गतिविधियां आतंकवाद और दूसरे संगठित अपराध के खिलाफ़ ब्रिक्स सुरक्षा सहयोग को सशक्त बनाएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आपसी व्यापार में बढ़ोतरी करनी चाहिए। ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सम्मिलित आबादी दुनिया की आबादी की 40 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि आपसी व्यापार और निवेश विश्व-व्यापार का सिर्फ 15 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इस समिट की थीम ‘आर्थिक विकास एक अभिनव भविष्य के लिए’ बहुत सटीक है। अभिनव हमारे विकास का आधार बन चुका है। इसलिए आवश्यक है कि हम अभिनव प्रयोग के लिए ब्रिक्स के अंतर्गत सहयोग मज़बूत करें।
मोदी ने कहा कि अब हमें अगले दस सालों में ब्रिक्स की दिशा तथा आपसी सहयोग को और प्रभावी बनाने पर विचार करना होगा। कई क्षेत्रों में सफलता के बावजूद कुछ क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सतत जल प्रबंधन और शुचिता महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। वह भारत में ब्रिक्स जल मंत्रियों की पहली बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव करता हैं। उन्होंने कहा कि वीजा, सामाजिक सुरक्षा समझौता और योग्यता की पारस्परिक मान्यता से पाँच देशों के लोगों को परस्पर यात्रा और काम के लिए और अनुकूल माहौल मिलेगा। (हि.स.)