रायपुर (mediasaheb.com)| छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए समय के अनुरूप उच्च शिक्षा में परिवर्तन की जरूरत है।
सुश्री उइके ने आज यहां श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में ‘उच्च शिक्षा में नई पहल’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षण कार्य उच्च शिक्षण संस्थाओं का प्रमुख मौलिक कार्य है। यह पाया जाता है कि अधिकांश विश्वविद्यालय में परम्परागत पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। प्रयास करें कि पाठ्यक्रम वर्तमान समय के अनुसार हो, उसमें रचनात्मकता हो। विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम को निरंतर अपडेट किया जाना चाहिए।
उन्होंने विश्वविद्यालय में होने वाले शोध को सामयिक बनाने पर भी जोर देते हुए विश्वविद्यालयों को रोजगारोन्मुख होने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। विश्वविद्यालय परिसर में सिंगल प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध और फिट इंडिया,( #Fit india) जल संरक्षण जैसे अभियान चलाएं। यह प्रयास करें कि विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षण कार्यों तक सीमित न रहकर समाज उन्मुखी बनें।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष धीरेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा का निरंतर विस्तार हो रहा है। हमें यह कोशिश करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में सकल नामांकन अनुपात में बढ़ोत्तरी हो। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गत दिनों ‘प्रकृति के लिए प्रदत्त’ नामक पत्रिका जारी किया है, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण, साईकल का उपयोग जैसे अभियानों की जानकारी दी गई है।(वार्ता)