राहुल ने लिखी सभी कांग्रेसी CM को चिट्ठी
रायपुर(media sasheb,com) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा वन अधिकार पट्टा के मामले में सभी कांग्रेस मुख्य मंत्रियों को पत्र लिखे जाने का स्वागत करते हुए आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विधायक सीतापुर अमरजीत भगत और विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी ने कहा है कि एससी, एसटी एट्रोसिटी एक्ट की ही तरह वन अधिकार पट्टों के मामले में परंपरागत रूप से जंगलों में रह रहे लोगों के मामले में मोदी सरकार ने अपने उद्योग समर्थक और गरीब विरोधी चरित्र को उजागर किया। भाजपा की केंद्र सरकार ने लगातार समाज के सभी वर्गों को नुकसान पहुंचाने का काम किया है और अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग तो खासकर भाजपा के निशाने पर हैं।
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सीतापुर अमरजीत भगत और विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी ने कहा है कि रमन सरकार की मनमानी के कारण बड़े पैमाने पर दावे निरस्त हुए और जो कानून पट्टे देने के लिए बनाया गया था उसी कानून का उपयोग जंगल में रहने वालों को पट्टों से वंचित करने के लिए किया गया।
अमरजीत भगत और शिशुपाल सोरी ने कहा है कि वन अधिकारों के इस महत्वपूर्ण मामले में यूपीए सरकार ने जंगल में रहने वालों के अधिकारों को मान्यता दी और सर्वोच्च न्यायालय में मजबूत तरीके से जंगल में रहने वालों के अधिकारों के पक्ष को रखा लेकिन वर्तमान मोदी सरकार सर्वोच्च न्यायालय में जंगल में रहने वालों के पक्ष में कोई बात नहीं की मूकदर्शक बनकर मोदी सरकार देखती रही।
इससे स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार पूरी तरीके से जंगल में रहने वालों के अधिकारों के खिलाफ है और मोदी सरकार नहीं चाहती है कि ऐतिहासिक अन्याय को खत्म करने वाले इस महत्वपूर्ण वन अधिकार कानून के तहत जंगल में रहने वालों के वन अधिकारियों को मान्यता दी जाए और उनको न्याय मिले। इस मामले में न्यायालय में अगली पेशी में छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा और छत्तीसगढ़ जैसी परिस्थिति देश के जिन अन्य राज्यों में हैं उनके लिए भी यही आग्रह और निवेदन छत्तीसगढ़ की सरकार न्यायालय से करेगी।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी से छत्तीसगढ़ में वनाधिकार पट्टों के निरस्तीकरण और आवेदन नहीं किए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने प्रक्रिया आरंभ कर दी है। 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव का इस संबंध में आदेश जारी हो गया है। 23 जनवरी को राज्य शासन के अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों और वन अधिकार का आवेदन करने वालों के प्रतिनिधि जन संगठनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है और इस बैठक में पूरी समीक्षा की प्रक्रिया में सभी पक्षों की भूमिका और सहभागिता तय की जा चुकी है और यह समीक्षा का काम शुरू हो चुका है।