543 लोकसभा क्षेत्रों में लगभग 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र
नई दिल्ली(mediasaheb.com ) चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के लिए तैयार है। आयोग दिल्ली के विज्ञान भवन में आज शाम 5 बजे पोल पैनल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग अगर आज चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करता है तो इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। अन्य बातों के अलावा यह आदर्श आचार संहिता सरकार को नीतिगत निर्णयों की घोषणा करने से रोकती है। इस बात की प्रबल संभावना है कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पूर्ववर्ती विधानसभा चुनाव करा सकता है। 543 लोकसभा क्षेत्रों में लगभग 10 लाख मतदान केंद्रों में आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और पेपर ट्रोल मशीनों का बंदोबस्त किया गया है।
इस बार करीब 89.88 करोड़ मतदाता
अबकी लोकसभा चुनाव के लिए 18-19 वर्ष के 1.59 करोड़ नए मतदाताओं सहित करीब 89.88 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। हालांकि यह संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मतदाता सूची में जोड़-तोड़ के अंतिम दिन तक आवेदन किए जा सकते हैं। साल 2014 में लोकसभा में प्रकाशित की गई मतदाता सूची में उस वर्ष के प्रकाशन से पहले प्रकाशित रोल में सर्विस वोटरों सहित अंतिम आंकड़ा 83.4 करोड़ से अधिक था। 1 जनवरी, 2019 के संदर्भ में अंतिम निर्वाचक नामावली के अनुसार, जिनमें से अंतिम भाग 22 फरवरी को प्रकाशित किए गए थे, देशभर में 89.71 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 46.5 करोड़ पुरुष, 43.2 करोड़ महिलाएं और 33,109 ‘तीसरे लिंग’ से संबंधित हैं। इसके अलावा, लगभग 16.62 लाख ने सर्विस वोटर्स के रूप में नामांकन किया है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार इस आम चुनाव के लिए देशभर में 4.36 लाख स्थानों पर कुल 10,35,932 मतदान केंद्र होंगे।
क्या चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर के लिए तारीखों की घोषणा करेगा?
चूंकि जम्मू और कश्मीर विधानसभा भंग कर दी गई है, चुनाव आयोग छह महीने की अवधि के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने के लिए बाध्य है, जो मई में समाप्त होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च, 2021 को समाप्त होना था लेकिन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच एक सत्तारूढ़ गठबंधन के बाद पिछले साल विधानसभा भंग कर दी गई थी।
2014 में लोकसभा चुनाव नौ चरणों में हुए इस बार सात से आठ चरणों में चुनाव होने की संभावना है। 2014 में चुनाव आयोग ने 5 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी और अप्रैल-मई के दौरान नौ-चरणों में चुनाव करवाए थे। पहले चरण का मतदान 7 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 12 मई को हुआ था। 2014 के चुनावों में सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद में कई विपक्षी दलों ने परस्पर गठबंधन भी किया था।
543 सीटों पर हुआ था चुनाव, कांग्रेस के खाते में आई थीं सिर्फ 44 सीटें
2014 में 543 सीटों पर लोकसभा चुनाव हुआ था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 336 सीटें मिली थीं जबकि भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में कुल 44 सीटें आई थीं। कांग्रेस गठबंधन ने कुल 60 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने 18 सीटें जीती थी जबकि एनसीपी के खाते में 6 सीटें गई थीं। 1984 में कांग्रेस के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनी थी, जिसने अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें जीती थीं। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को इस कदर प्रचंड बहुमत मिला था। उस वक्त कांग्रेस ने अपने दम पर 404 सीटें जीती थीं। 2014 के चुनाव में दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में भाजपा ने लोकसभा की पूरी की पूरी सीटें जीती थीं।
पांच सालों में कौन-कौन हुआ एनडीए से अलग
एनडीए ने बीते पांच साल में अपने पांच साथियों को गंवाया है। इनमें तेलगु देशम पार्टी, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन, राष्ट्रीय लोक समता दल और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और असम गण परिषद शामिल हैं।
16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून तक
16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून, 2019 को समाप्त हो जाएगा। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (पीआरएस) के एक विश्लेषण के अनुसार 1 वीं लोकसभा के दौरान 133 बिल पारित किए गए, जिसमें जून 2014 और फरवरी 2019 से सत्र आयोजित किये गए। सदन ने कुल 1,615 घंटे काम किये, जो पिछले निचले सदन द्वारा खर्च किए गए घंटों (2,689) की औसत संख्या की तुलना में 40 प्रतिशत कम है।(हि.स.)