नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर देश की अद्वितीय भाषाई विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए मातृभाषा को रोजगार से जोड़ने की वकालत की। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा और रोजगार को भी जोड़ना होगा और राज्यों में रोजगार के लिए भारतीय भाषाओं के ज्ञान को अनिवार्य बनाना होगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में 40 फीसदी आबादी ऐसी है जिन्हें उनके द्वारा बोली या समझे जानी वाली भाषा में शिक्षा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का प्रस्ताव हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश ने रखा था। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन ने 1999 के आम सम्मेलन में इसे स्वीकार कर लिया। उस समय से पूरे विश्व में 21 फरवरी को यह दिवस मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि शिक्षा के शुरुआती चरणों में मातृभाषा में शिक्षण मन और विचार के विकास को गति देता है और बच्चों को अधिक रचनात्मक और तार्किक बनाता है।
मातृभाषा को प्रशासन की भाषा बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की भाषा ही प्रशासन की भाषा होनी चाहिए। काका साहेब काकेलकर ने कहा है, “यदि भारत में प्रजा का राज चलाना है, तो वह जनता की भाषा में ही चलाना होगा।” भारतीय भाषाएं प्रशासन को लोगों के करीब ला सकती हैं। यह शासन को अधिक जन केंद्रित बना सकता है।
वेंकैया ने कहा कि उनका जोर हमेशा अपनी अनूठी और समृद्ध भाषाई विरासत की रक्षा और संरक्षण पर रहा है। भाषा किसी राष्ट्र के सांस्कृतिक जीवन को आकार देती है और उसकी प्रगति की नींव रखती है। भाषा महत्वपूर्ण, अनदेखी धागा है जो अतीत को वर्तमान से जोड़ता है। भाषा मानव विकास के साथ विकसित होती है और निरंतर प्रयोग से पोषित होती है। यदि आप किसी भाषा का प्रयोग नहीं करते हैं, तो आप इसे खो देते हैं।
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोग घर, समुदाय, बैठकों और प्रशासन में अपनी मूल भाषाओं का उपयोग शुरू करेंगे। हमें इन भाषाओं में बोलने, लिखने और संवाद करने वालों को सम्मान और गर्व की भावना प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि मातृभाषा का उत्सव मातृभाषा दिवस के समापन के साथ समाप्त नहीं होता है। वास्तव में प्रतिदिन मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र दिल्ली में आज मातृभाषा दिवस के अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ( MHRD) और केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मातृभाषा दिवस कार्यक्रम में पारंपरिक परिधानों में स्कूली बच्चों ने 22 भारतीय भाषाओं में उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य मंत्री संजय धोत्रे और प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहे।(ही स )