नईदिल्ली(media saheb) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू यादव की नियमित जमानत याचिका पर पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब नियमित जमानत पर 28 जनवरी को फैसला सुनाएगा। 20 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने ने लालू यादव को अंतरिम जमानत दी थी। 19 नवंबर 2018 को लालू यादव खराब स्वास्थ्य के कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे। उसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि अस्पताल प्रशासन या जेल प्रशासन सुनवाई के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू प्रसाद यादव को पेश करने का इंतजाम करें। इसी आदेश का पालन करते हुए लालू यादव को 20 दिसंबर 2018 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया था।
पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तेजस्वी और राबड़ी को जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने कहा कि इनके जमानत रहने पर जांच प्रभावित हो सकती है। इससे पहले इस मामले में ये सभी आरोपी अंतरिम जमानत पर थे। पिछले 17 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सभी आरोपियों को बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए। कोर्ट ने कहा था कि आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से पहले इसे पढ़ने की जरूरत है। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 को आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने जिन्हें आरोपी बनाया है उनमें आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद, राबड़ी देवी,तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथमल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान,मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर,राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राईवेट लिमिटेड शामिल हैं।
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था। (हि.स.)