बिलासपुर, (medisaheb.com) शहर के सीएमएचओ कार्यालय में एसीबी की टीम ने सोमवार को नोडल अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। सीएमएचओ ऑफिस में लंबे समय से पदस्थ पीएनडीटी और आरसीएच नोडल अधिकारी डॉ. अविनाश खरे को एसीबी टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया है। बताया जा रहा है कि पीएनडीटी अधिकारी ने जायसवाल सोनोग्राफी सेंटर के संचालक राहुल जायसवाल से लाखों की रकम रिश्वत मांगी थी। बता दें की डॉ. अविनाश खरे सरकंडा स्थित सीएमएचओ कार्यालय में नोडल अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। सिम्स के सामने और पेंड्रा में डॉ. राहुल जायसवाल का सोनोग्राफी सेंटर है।
डॉ. जायसवाल यहां आने वाले दिनों में सिटी स्कैन मशीन भी लगाने वाले थे। नोडल अधिकारी डॉ. खरे ने डॉ. जायसवाल से उनके सोनोग्राफी सेंटर में कभी छापा न पड़ने और संरक्षण देने की बात कहकर डॉ. जायसवाल से दोनों सोनोग्राफी सेंटर का एक-एक लाख रुपये और सिटी स्कैन मशीन लगवाने पर एक लाख और रिश्वत देने की मांग की थी। इसके बाद डॉ. जायसवाल ने डॉ. खरे को 22 फरवरी को 25000 रुपये दिये और बाकी की रकम देने के लिए कुछ समय मांगी। डॉ. खरे के दबाव बनाये जाने पर डॉ. राहुल जायसवाल ने इसकी शिकायत एसीबी से की। इसके बाद सोमवार को बाकी की रकम देने पहुंचे डॉ. जायसवाल के साथ एसीबी टीम ने केमिकल वाले नोट देकर भेजे।
एसीबी के टीम लगातार मामले में बनी रही और जैसे ही डॉ. खरे ने केमिकल लगे हुए रिश्वत के 50000 रुपये को अपने पास रखा, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया है। एसीबी की टीम ने डॉ. खरे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2019 के तहत गिरफ्तार किया है।इस मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधुलिका सिंह ने कोई जानकारी न होने की बात कही है।(हि.स.)।