नई दिल्ली ( mediasaheb.com ) सरकार ने शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता में संशोधन के लिए एक विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि रियल इस्टेट परियोजनाओं के 100 निवेशक मिलकर कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (#Insolvency and bankruptcy code) विधेयक, 2019 सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुये इस विधेयक को जल्दबाजी में लाने की जरूरत पड़ी। मकान के लिए निवेश करने वाले छोटे निवेशकों के दिमाग में इस संहिता को लेकर कुछ आशंकायें थीं और इसलिए स्पष्टता की जरूरत थी।
इससे पहले विपक्ष ने यह कहते हुये विधेयक को पेश किये जाने का विरोध किया कि सदस्यों को इसकी प्रति के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इसी सदन ने पिछले सत्र में संहिता में एक और संशोधन पारित किया था। यह वित्तीय मामलों में सरकार में निरंतरता के अभाव को दर्शाता है। उन्होंने विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की माँग की ताकि इस पर विस्तार से विचार हो सके।
श्री चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि नियमानुसार 48 घंटे पहले विधेयक की प्रति सदस्यों को उपलब्ध नहीं कराकर उनके अधिकारों का महज इसलिए हनन कर रही है क्योंकि उसके पास बहुमत है।
विधेयक में प्रावधान है कि 100 निवेशक मिलकर भी रियल इस्टेट परियोजना ( #Real estate project ) लाने वाली कंपनी के खिलाफ संयुक्त रूप से दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि किसी परियोजना में 1000 से कम निवेशक हैं तो कम से कम 10 प्रतिशत निवेशक भी मिलकर संयुक्त रूप से आवेदन कर सकते हैं। (वार्ता)