विधानसभा में चर्चा- नाम बदलने पर मामला गरमाया
रायपुर, (media saheb.com) राज्य विधानसभा में भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्नकाल में राजिम कुंभ का नाम बदलने का मुद्दा उठाया उन्होंने कहा कि आपको राजिम कुंभ नाम से क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से मेले का महत्व कम हो गया। बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम कुंभ का नाम बदलने पर आपत्ति जताई। सदन में कहा कि जब विधेयक पारित हो गया था जो राजिम कुंभ को बंद क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि राजिम के धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे प्रयागराज का नाम दिया गया था।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये प्रदेश में लगने वाले दूसरे पून्नी मेले से अलग है और आपको राजिम कुंभ नाम से क्या दिक्कत है। इस पर पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कुंभ को बंद नहीं किया गया बल्कि नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला किया गया है।
उन्होंने कहा कि रायपुर जिला गजेटियर में पुन्नी मेला का जिक्र है। जनभावनाओं के अनुसार माघी पुन्नी मेला पहले भी था। उसका नाम आपने बदला है हमने भी विधेयक लाकर नाम बदला है। इस पर अग्रवाल ने फिर सवाल उठाया कि माघी पुन्नी मेला और कितने स्थानों पर लगता है. जिस पर मंत्री ने अलग से जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही है। वहीं राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने भी कहा कि इस कुंभ को शंकराचार्य ने मान्यता नहीं दी है। लेकिन बृजमोहन अग्रवाल ने फिर कहा कि कुंभ का नाम बदलकर मेले का महत्व कम कर दिया गया है।
ये है सदन की अवमानना
वहीं प्रश्रकाल के बाद कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने के बाद एसआईटी जांच के लिए सौंपे जाने पर भाजपा ने इसे सदन की अवमानना बताया है। भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार का ऐसा कृत्य भविष्य के लिए उचित नहीं है। विधायकों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, कैग की रिपोर्ट सीधे किसी एजेंसी को जांच के लिए दी गई है, जबकि विधानसभा चल रही है। उन्होंने कहा कि लोक लेखा समिति से बड़ी कोई जांच एजेंसी प्रदेश में नहीं है। वहीं भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन की शुरुआत है। अगर आज सरकार के ऐसे कृत्यों से नहीं रोका गया तो यह भविष्य के लिए उचित नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने चरणदास महंत ने कहा कि यह मामला मेरे विचाराधीन है।
कैदियों की माैत का मामला
विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन जांजगीर-चांपा में दो कैदियों की मौत के मामले में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को जमकर घेरा। गृहमंत्री से इस मामले की विधानसभा समिति या प्रश्न संदर्भ समिति से जांच कराने की मांग पर अड़े हैं। बसपा विधायक केशव चंद्रा के सवाल पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 53 और 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2018 तक कुल 57 कैदियों की मृत्यु हुई ।
केशव चंद्रा ने जांजगीर चाम्पा जेल में मृत कैदी गौरव तम्बोली का मुद्दा उठाया। श्री चंद्रा के मुताबिक, मृतक कैदी की पत्नी ने शिकायत की है कि जेलर की लापरवाही से कैदी की मृत्यु हुई। बीमार कैदी को वक्त पर इलाज नहीं मिला। इस पर गृहमंत्री ने कहा कि विचाराधीन कैदी गौरव तम्बोली 5 अगस्त 2018 को जेल दाखिल हुआ था। 8 जनवरी को तबीयत बिगडऩे पर जेल में डॉ. एन के ध्रुव ने बंदी का उपचार किया। बंदी स्वस्थ था। रात में तबियत बिगडऩे पर उसे जिला जेल से 9 किलोमीटर दूर अस्पताल दाखिल कराया गया। जहां उपचार के दौरान रात साढ़े 9 बजे मृत घोषित किया गया।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। सदन को किसी तरह से गुमराह नहीं किया जा रहा है। वर्षवार जानकारी मैंने सदन में दे दी है। इस पर बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि प्रश्नवाधि में दो मौत हुई है। जेल में नरेंद्र बरे नाम के कैदी की भी मौत प्रश्नावधीन अवधि में हुई थी। सदन में गृहमंत्री एक ही कैदी का जिक्र कर रहे हैं। वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री के जवाब में विरोधाभास है। ये गंभीर मामला है, इसे सदन की समिति से जांच कराई जानी चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रश्नावधीन अवधि में दो कैदी की मौत हुई है। शासन की ओर से गलत जानकारी मुहैया कराना विधानसभा का अपमान है। अधिकारियों ने मंत्री को गलत जानकारी दी है। विधानसभा को गुमराह किया गया है। इस मामले को विधानसभा अध्यक्ष प्रश्न संदर्भ समिति को भेज दें। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम सभापति से यही अपेक्षा करते हैं कि सदन की समिति से जांच कराई जानी चाहिए।
वहीं छत्तीसगढ जनता कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि यह सामान्य घटना नहीं है।
जेल में मृत्यु हुई है। सदस्य जिन कैदियों की मृत्यु हुई है, उनका नाम भी बता रहे है। ऐसी स्थिति में सच्चाई का पता लगाने आसंदी जांच का फैसला ले। वहीं इस पर अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि सदस्य विधिवत जानकारी लिखकर दे यदि हमें उपयुक्त लगेगा तो हम जांच के लिए विचार करेंगे।
वहीं प्रश्रकाल के बाद कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने के बाद एसआईटी जांच के लिए सौंपे जाने पर भाजपा ने इसे सदन की अवमानना बताया है। भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार का ऐसा कृत्य भविष्य के लिए उचित नहीं है। विधायकों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, कैग की रिपोर्ट सीधे किसी एजेंसी को जांच के लिए दी गई है, जबकि विधानसभा चल रही है। उन्होंने कहा कि लोक लेखा समिति से बड़ी कोई जांच एजेंसी प्रदेश में नहीं है। वहीं भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन की शुरुआत है। अगर आज सरकार के ऐसे कृत्यों से नहीं रोका गया तो यह भविष्य के लिए उचित नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने चरणदास महंत ने कहा कि यह मामला मेरे विचाराधीन है।
चेरिया पाैंता का रास्ता क्यों रोका-धनेंद्र
कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से नया रायपुर विकास प्राधिकारण द्वारा ग्राम चेरीया एवं ग्राम पौंता हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई सड़क जो लोगों के आवागमन का एक मात्र साधन था। उसे यहां पर आबंटित जमीन के साथ आईआईएम संस्थान को आबांटित कर दिया है। आईआईएम संस्थान के अधिकारियों के द्वारा इस माह पक्कें बाउंडीवाल का निर्माण करके उक्त दोनों ग्रामों की सड़क को अपनी सीमा के अंदर लेकर आवागमन को पूरी तरह से बंद करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जिस स्थल के शिलान्यास किया था उसे भी घेरे में लिया है। उन्होने रास्ता खोलने की मांग किया। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस समस्या में श्री साहू का समर्थन किया। उन्होने शिलान्यास के स्थल को बाहर किया जाए।
मंत्री अकबर बोले- हल निकालेंगे
आवास एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर ने कहा कि स्थल का विधायक के साथ निरीक्षक कर मामले को हल निकालेंगे। उन्होंने बताया कि अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा आईआईएम संस्थान को संस्थान हेतु कुल 81.56 हेक्टेयर भूमि आबंटित की गई है। आबंटित भूमि मे से संस्थान को कुल 80.92 हेक्टेयर भूमि का आधिपत्य दिया गया। उक्त भूमि में से खसरा क्रमांक 671 रकबा 0.81 हेक्टेयर भूमि जो ग्राम पौंता की आबादी से बंजारी की ओर जाने वाली रास्ते के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, यह भी सम्मिलित है। इस मार्ग से पौंता और चेरिया के लोगों को आवागमन होता रहा है। संस्थान द्वारा अधिपत्य में दी गई भूमि की सीमा के चारों तरफ बाउंड्रीवाल का निमार्ण वर्ष 2012-13 में किया है। वर्ष 2018 में संंस्थान द्वारा शिक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। शिक्षण कार्य प्रारंभ होने के पश्चात निर्मित बाउंड्रीवाल के चार हिस्सों में गेट का निर्माण किया गया। उक्त भूमि निर्माण कार्य के परिणामस्वरूप दोनों ग्राम के लागों का संस्थान के भीतर बने वैकल्पिक मार्ग से आवगमन हो रहा है। आईआईएम को भूमि आबंटन की शर्त में यह उल्लेखित है कि विकास योजना अंतर्गत प्रस्तावित सड़कों के निर्माण तक पुराने प्रचलित मार्गो पर सार्वजनिक आवागमन का अधिकार यथावत रहेगा। अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा चेरिया एवं पौंता के ग्रामीणों से सुगम आवागमन हेतु निर्मित बाउंड्रीवाल के बाहर सड़क निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने नया रायपुर शिलान्यास स्थल को भी बाहर करवाने का आश्वासन दिया।
75 साल आयु वाला एनीकट कैसे टूटा 6 साल में, मंत्री रविंद्र चाैबे ने कहा-होगी इसकी जांच
विधानसभा में एक अन्य ध्यानाकर्षण के भाजपा विधायक ने जांजगीर चांपा में सोथी एनीकट निर्माण कार्य में अनियमितता किये जाने की ओर ध्यानाकर्षण कराया उन्होंने जांजगीर चांपा के सोंधी एनीकट का मामला भी उठा. जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि एनीकट टूटा है उसकी मरमत करा ली जायेगी. सदस्य सौरभ सिंह ने कहा कि जिन अधिकारियों ने डिजाइन किया है उस पर कार्रवाई होगी? मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में 4 अधिकारियों को निलंबित किया जाता है। इनमें एसएल यादव, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग चांपा, वीएस कश्यप उप अभियंता जल संसाधन विभाग चांपा, जीपी तिवारी उप अभियंता जल संसाधन विभाग चांपा और एसएन अग्र्रवाल उप अभियंता जल संसाधन विभाग चांपा शामिल हैँं।
सौरभ सिंह ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि जब निर्माण कार्य कराया गया था तो छह साल में ही एनीकट टूट गया. मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में कहा कि कांक्रीट के एनीकट की लगभग 75 साल तक अवधि होती है, रही बात सोथी एनीकट की तो इसकी जांच होगी। जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि किसानों को किसी प्रकार की कोई हानि नही होगी, और जनता में किसी प्रकार को रोष नही है। वहीं शून्य काल की यूचना के दौरान सदस्य अजीत जोगी ने मरवाही विधानसभा के पहाड़ी गांवों में पेयजल संकट का मामला उठाया।