किसानों को बेचारा बनाने की कोशिश- शैलेश
रायपुर(media saheb ) बजट को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मोदी सरकार पर किसानों के अपमान का आरोप लगाया। 5 एकड़ के किसानों को मोदी सरकार द्वारा साल में 2000 रू. किश्तो में कुल 6000 रू. की राशि अर्थात 500 महीना किसान सम्मान निधि के नाम पर देना किसानों का सम्मान नहीं किसानों का अपमान है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ तो अमीरों के हजारों करोड़ के कर्जो को माफ कर रही है, दूसरी तरफ किसानों को प्रतिमाह महज 500 रू. दे रही है जो किसानों का अपमान है। रोज 35000 रू. किलो मशरूम की रोटी खाने वालों द्वारा किसानों को 500 रू. प्रतिमाह की सहायता की बजट घोषणा एक भद्दा मजाक है।
भाजपा और जनसंघ के राजनैतिक हितों की लड़ाई लड़ने वाले संघ के मीसाबंदी कार्यकर्ताओं को हर महिने 25000 रू. तक की सम्मान निधि देने वाले भाजपाई किसानों को हर महिने 500 रू. का झुनझुना पकड़ा कर अहसान न जतायें। 2014 के चुनाव में 15 लाख रू. सबके खातों में पहुंचाने का वादा कर सत्ता में आने वाली मोदी सरकार 5 साल सोये रहने के बाद 2019 में लोग 500 रू. महीने की मदद कर किसानों के जले पर नमक छिड़क रहे है। मोदी सरकार किसानों की मदद नहीं कर रही है, बल्कि उनको बेचारा बनाने की कोशिश कर रही है। किसानों की आज कर्जमाफी की ज्यादा जरूरत है, न कि 500 रू. महिने की राशि की। किसान फसल के सही दाम नहीं मिलने के कारण महंगे खाद-बीज के दामों के चलते टूटा हुआ है और कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है।
केन्द्र सरकार का बजट को पूरी तरह जुमला कहते हुये शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2019 को आम चुनाव कांग्रेस पार्टी किसानों के मुद्दो, बेराजगारी और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के मुद्दो पर लड़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी पहले 2104 की घोषणाओं का तो हिसाब दे। अगले पांच साल में एक लाख डिजिटल विलेज बनाने का खोखला दावा करने वाले मोदी बतायें कि पिछले पांच साल में कितनी स्मार्ट सिटी बनाई? छत्तीसगढ़ में कितनी स्मार्ट सिटी बनी? किसानों को लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत फायदा देने की स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट क्यों लागू नहीं की गयी? हर साल दो करोड़ नौकरी देने का क्या हुआ? मोदी सरकार रोजगार के मुद्दे पर भी पूरी तरह नाकाम रही है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों की असली मदद तब होती जब किसानों का पूरा कर्ज माफ होता और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू होती। साथ ही समर्थन मूल्य पर किसान की फसल की शत-प्रतिशत खरीद का नियम बनता। सरकार 500 रू. का लालच देकर किसानों का वोट पाने की कोशिश कर रही है जबकि यह किसानों की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। मोदी सरकार का 2019 का बजट किसी भी वर्ग की उम्मीद के मुताबिक नहीं है। देश के हर वर्ग की हवा उड़ी हुई है और मोदी सरकार उरी पर अटकी हुई है, जिस में हवा-हवाई ही बातें ज्यादा है |