– जल्द ही भव्य मन्दिर का निर्माण शुरू हो जाएगा अब इसमें देरी नहीं
हरिराम
बाराबंकी, (mediasaheb.com) भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद एवं फायरब्रांड नेता विनय कटियार (#Vinay_Katiyar ) ने बुधवार को नागरिकता संसोधन कानून पर मचे बवाल पर एक नई बहस छेड़ दी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए तो बहुत से देश हैं मगर हिन्दुओं के लिए केवल भारत ही है। इसीलिए जब गैर मुस्लिम कहीं सताया जाता है तो भागकर भारत आता है तो ऐसी दशा में यह कानून लाकर इनको नागरिकता देना जरूरी था। श्री कटियार बाराबंकी में भाजपा नेता रामसजीवन वर्मा के घर आयोजित एक समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान विनय कटियार ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अगर धार्मिक आधार पर पाकिस्तान, बांग्लादेश देश या अफगानिस्तान में सताया जाता है तो वहां उनका अपना कानून है, उनकी रक्षा की जाएगी, जरूरत पड़ी तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी, इसमें कहां आपत्ति है।
उन्होंने कहा कि अब हम रोहिंग्या को तो नागरिकता देने वाले नहीं हैं, उन्हें अपने देश वापस जाना ही होगा। कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नोटिस तो मिला नहीं है फिर काहे का बवाल है। विनय कटियार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर जो लोग बवाल मचा रहे हैं तो ऐसा लगता है कि वह देश के साथ रहना नहीं चाहते। कहा कि भ्रम फैलाने वाले कोई और नहीं यह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी यही सब हैं, क्योंकि इनकी जमीन उखड़ चुकी है तो यह अपनी जमीन बचाने के लिए ही भ्रम फैला रहे हैं।
राममन्दिर के निर्माण में हो रही देरी के सवाल पर विनय कटियार ने कहा कि निर्माण में समय लगता है और विध्वंस में कुछ घंटे और मिनट लगते हैं। जल्दी ही भव्य मन्दिर का निर्माण शुरू हो जाएगा अब इसमें देरी नहीं है। ढोल नगाड़े और जयघोष के साथ ‘राम लला हम आ गए हैं, अब मन्दिर का निर्माण शुरू करेंगे’ यह नारा देते हुए निर्माण शुरू करेंगे। घाघरा नदी का नाम सरयू नदी किये जाने पर विनय कटियार ने कहा कि इसका कारण इसकी धार्मिक पहचान बनाये रखना है, जिस तरह गंगा जी को औऱ यमुना जी को पवित्र माना जाता है, उसी प्रकार सरयू जी को भी पवित्र माना जाता है, उससे अयोध्या की पहचान है। उसमें स्नान करने से क्या-क्या लाभ है यह वहां स्नान करने से ही पता चलता है। सरकार ने इसका नाम बदल कर बहुत ही अच्छा काम किया है। (हि.स.)।