गोधन न्याय
योजना के तहत अब तक 29.28 करोड़
रूपए का हो चुका
हितग्राहियों को भुगतान
गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट ‘गोधन वर्मी कम्पोस्ट‘ के नाम से लॉन्च
हर जिले में वर्मी कम्पोस्ट पैकेंिजंग का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा
रायपुर, (mediasaheb.com) मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से
कम्प्यूटर पर बटन दबाकर गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 88 हजार 810 गौपालकों
एवं गोबर विक्रेताओं को पंचम किश्त के रूप में 8 करोड 56 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान सीधे संबंधितों के खातों
में किया। 20 जुलाई हरेली पर्व से प्रारंभ हुई गोधन
न्याय योजना के अंतर्गत अब तक गौपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को 29 करोड़ 28 लाख रूपए
की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौठानों में तैयार की गई वर्मी
कम्पोस्ट ‘गोधन वर्मी कम्पोस्ट‘ के नाम से लॉन्च किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में
तैयार वर्मी कम्पोस्ट के पैकेजिंग का कार्य हर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों
को सौंपा जाए। ये महिला स्व-सहायता समूह पैकेजिंग बैग में प्रिन्टिंग का कार्य
करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग में यह ध्यान रखा जाए कि
वर्मी कम्पोस्ट के बैग खरीदी करने वालों के लिए हैण्डलिंग की दृष्टि से सुविधा जनक
हो और वर्मी कम्पोस्ट में लम्बे समय तक नमी बनी रहे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना एक
ऐसी योजना है, जिसका लाभ गौपालकों से लेकर गरीब
ग्रामीणों को मिल रहा है। यह योजना स्वच्छता में सहायक, जैविक खेती और पशुधन को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही
है। इस योजना के कई लाभ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 5400 गौठानों का निर्माण हुआ है, जिसमें
से 3247 सक्रिय गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। जैसे ही
राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में गौठानों का निर्माण पूरा हो जाएगा और वहां गोबर
खरीदी की जाएगी, तो गोबर खरीदी और राशि भुगतान के यह
आंकड़े दोगुने हो जाएंगे। उन्होंने निर्माणाधीन गौठानों को तेजी से पूरा कराने के
निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को और अधिक लाभकारी कैसे बनाए जाए इस
दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने गोबर के बेहतर उपयोग के लिए कामधेनु
विश्वविद्यालय अंजोरा के पशु वैज्ञानिकों की टीम गठित करने तथा इस संबंध में भ्रमण
अध्ययन कर सुझाव देने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री
भूपेश बघेल की अभिनव सोच वाली यह योजना लोगों में काफी लोकप्रिय हो गई है।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक पखवाड़े में हुई गोबर खरीदी के भुगतान का अपना वायदा भी
पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए राज्य में 700 से 800 करोड़
रूपए की वर्मी कम्पोस्ट खाद का कारोबार महिला समूहों एवं सोसायटियों के माध्यम से
होगा। इससे ग्रामीणों को रोजगार और सोसायटियों को संबल मिलेगा। इस अवसर पर
सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय
प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री
के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री
के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री
के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. श्रीमती एम.गीता ने बताया कि प्रदेश
के कुल 5454 गौठानों में से 3247 गौठान
वर्तमान में क्रियाशील है। इनमें से 3078 गौठान
ग्रामीण क्षेत्रों में और 169 गौठान
शहरी क्षेत्रों में स्थित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 7 लाख 17 हजार 394 पशुपालकों में से गौठानों में एक लाख 84 हजार 899 पशुपालक
पंजीकृत है। इनमें से 88 हजार 810 पशुपालकों और गोबर विक्रेताओं से अब तक 14 लाख 64 हजार 477 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गौठानों में प्रतिदिन लगभग 27 हजार 152 क्विंटल
गोबर की खरीदी की जा रही है। योजना से लाभान्वित हो रहे पशुपालकों में से हर
पशुपालक से औसतन 4.59 क्विंटल
गोबर क्रय किया जा रहा है। सक्रिय गौठानों में प्रति गौठान लगभग 125.43 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा रही हैै। लाभान्वित होने वाले
पशुपालकों और गोबर विक्रेताओं में लगभग 40 प्रतिशत
भूमिहिन श्रेणी के है।