नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मां-बाप की देखभाल करना उनके सभी बच्चों की एक समान जिम्मेदारी है, इस जिम्मेदारी का बंटवारा नहीं हो सकता। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने सीनियर सिटीजन मेंटिनेंस ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया।
याचिकाकर्ता ने मेंटिनेंस ट्रिब्युनल के आदेश को चुनौती दी थी। मेंटिनेंस ट्रिब्युनल ने उसे अपने माता-पिता को हर महीने दो हजार रुपये मेंटिनेंस के लिए देने का निर्देश दिया था। इस फैसले को उसने अपीलीय ट्रिब्युनल में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि ट्रिब्युनल ने उसकी आर्थिक हालत पर गौर किए बिना ही उसे दो हजार रुपये हर महीने देने का फैसला सुना दिया था।
अपीलीय ट्रिब्युनल ने भी मेंटिनेंस ट्रिब्युनल के फैसले पर मुहर लगाई थी। अपीलीय ट्रिब्युनल के आदेश के खिलाफ उसने दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने भी मेंटिनेंस ट्रिब्युनल के आदेश पर मुहर लगाई थी। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी। जिसके बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि दो हजार रुपये काफी कम है और इस फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई मतलब नहीं है। (हि.स.)