संयुक्त राष्ट्र, (mediasaheb.com) भारत में साल 2050 तक साठ साल या उससे अधिक की उम्र वाले लोगों की जनसंख्या करीब 20 प्रतशत होने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। हालांकि भारत का कहना है कि युवा वर्ग के लोगों को समर्थ बनाने से बुढ़ापे में उन्हें अच्छी सेहत बनाए रखने और बढ़ती उम्र में भी समुदाय में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने यहां बुजुर्गों से संबंधित विषय पर काम करने वाले एक कार्यकारी समूह के कार्यक्रम में कहा कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी में हाल के वर्षों में इजाफा हुआ है जिसकी और बढ़ने की संभावना है। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां लोग आज से पहले की तुलना में लंबी उम्र तक जी रहे हैं।
ऐसा आकलन है कि 2050 तक 15 साल से नीचे आयुवर्ग के लोगों की तुलना में 60 साल से अधिक की उम्र के लोगों की संख्या अधिक होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2050 तक 60 साल से अधिक की उम्र वाले लोगों की संख्या आठ प्रतिशत से बढ़कर करीब 20 प्रतिशत होने की संभावना है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवा की जरूरतों एवं सामाजिक सुरक्षा को पूरा करना, उनके अधिकारों की रक्षा करना तथा विकास प्रक्रिया में योगदान के लिए उन्हें समर्थ बनाना भारत की प्राथमिकता है।’’ त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया अपरिवर्तनीय और अकाट्य सत्य है इसलिए युवावस्था में ही लोगों को समर्थ बनाना चाहिए ताकि उनका शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकारों की ओर से उठाए जाने वाले कदमों में नागरिक समाज, समुदाय और परिवार पूरक बन सकते हैं।(हि.स.)।