कोरोना से मरने वालों का वास्तविक आंकड़ा अभी सरकार ने उजागर नहीं किया
कोलकाता, (mediasaheb.com) पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी की सरकार पर कोरोना संक्रमण के आंकड़े छिपाने का आरोप लगातार लगा रही हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज में लापरवाही, अस्पतालों में अव्यवस्था और चिकित्सकों को सुविधाएं नहीं मिलने के दावे भी लगातार किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के आंकड़े राष्ट्रीय औसत से करीब डेढ़ गुना ज्यादा है। यहां हर 17 में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो रहा है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार शाम जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक अभी तक पूरे राज्य में 144 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
सरकारी आंकड़े के मुताबिक इन लोगों के अलावा 10 की मौत हो चुकी है और 51 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। यानी राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना से कुल 205 लोग संक्रमित हो चुके हैं। हेल्थ विभाग के बुलेटिन में यह भी बताया है कि 3470 लोगों के नमूने अभी तक जांचे गए हैं। अब अगर औसत निकाला जाए तो पता चलेगा कि 17 में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। यह राष्ट्रीय औसत से करीब डेढ़ गुना अधिक है।
एक दिन पहले ही जारी राष्ट्रीय आंकड़ों में पता चला था कि भारत में हर 24 में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो रहा है। अमेरिका में यह आंकड़ा हर पांच में से एक व्यक्ति का है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 28,818 लोगों में से महज एक व्यक्ति का सैंपल जांचा जा रहा है जो काफी कम है। दरअसल राज्य की आबादी करीब 10 करोड़ है। इसमें से अभी तक केवल 3470 लोगों के सैंपल जांचे गए हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि अगर कोरोना का सामुदायिक संक्रमण रोकना है तो सरकारों को रैपिड टेस्टिंग की शुरुआत करनी होगी। यानी हर गली-मोहल्ले में हर संदिग्ध की जांच होनी जरूरी है लेकिन बंगाल सरकार फिलहाल इससे कोसों दूर है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भले ही 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है लेकिन अनाधिकारिक सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में इस महामारी से मरने वालों की संख्या 30 से अधिक है। संक्रमितों की संख्या भी 300 से ज्यादा हो चुकी हैं। अंतर बस इतना है कि राज्य सरकार केवल उन लोगों के मरने की पुष्टि कर रही है जिनकी मौत से संबंधित रिपोर्ट सरकार द्वारा गठित डाटा एनालिसिस टीम दे रही है। एक दिन पहले ही राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने स्वीकार किया है कि उन्हें यह भी नहीं जानकारी है कि राज्य में कितने लोगों की मौत से सम्बंधित डाटा विश्लेषण के लिए कमेटी के पास भेजा गया। यानी कोरोना से मरने वालों का वास्तविक आंकड़ा अभी सरकार ने उजागर नहीं किया है। जब तक डाटा एनालिसिस की टीम इस पर अपनी अंतिम मुहर नहीं लगाएगी, तब तक पता नहीं चल सकेगा। इसलिए हर 17 में से एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने के आंकड़े और अधिक बढ़ सकते हैं। (हि.स.)।