रायपुर, (mediasaheb.com) जिस फोन टेपिंग के आरोप पर निलंबित आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता को निलंबित किया गया था और ईओडब्ल्यू ने जिस प्रकार घेरेबंदी की थी उससे लग रहा था कि वे आरोपों से पूरी तरह घिर चुके हैं, लेकिन हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद ईओडब्ल्यू के समक्ष पहले ही बयान में आज मुंह खोला तो हडकंप मच गया है। उनसे आज चार घंटे की पूछताछ हुई और जब दफ्तर से बाहर निकले तो कहा कि जिस आरोप से वे घिरे हैं उस फोन टेपिंग के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव विवेक ढांढ और गृह सचिव एन के असवाल की अनुमति थी ।फिर वे कैसे आरोपी हो गए। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग गलत नहीं था, नोटशीट पर गृह सचिव के हस्ताक्षर थे। हालांकि उन्होंने ये बातें भी साफ तौर कही कि फोन टेपिंग का अधिकार उन्हें है और इसके लिए किसी शिकायत की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछली तारीख में की गयी शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है। मुकेश गुप्ता ने आज दो हिस्सों में अपना बयान दर्ज कराया। हालांकि मुकेश गुप्ता के मुताबिक आज सिर्फ एक ही मामले पर बयान दर्ज कराना चाह रहा था। उन्होंने कहा कि आज ही उन्हें सारे बयान दर्ज कराने हैं, क्योंकि इसके बाद वो कुछ और केस भी हाईकोर्ट में फाइल करने जा रहे हैं।मुकेश गुप्ता ने यह भी कहा कि उन्हें आज तक कोई भी नोटिस नहीं दिया गया, नोटिस उन्हें ना भेजकर मीडिया में भेज दिया जाता है। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस दफ्तर में रहते हुए उन्होंने जितने करोड़ों रुपये के बड़े-बड़े करप्शन को पकड़ा है, उनमें फंसे लोगों को बचाने के लिए ही उन पर आरोप लगे हैं। (हि.स.)।