अब आदिवासियों की जमीन कोई दूसरा नहीं खरीद सकेगा
रायपुर (mediasaheb.com) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ में नौकरी कर रहे लोगों के मामलों का एक महीने के भीतर परीक्षण करके उनका निराकरण होना चाहिए, जिससे फर्जी प्रमाण पत्र वाले ना नौकरी कर सकें और न अनुचित लाभ ले सकें। CM आज विश्व आदिवासी दिवस पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे।
CM ने इस अवसर पर कहा कि अब छत्तीसगढ़ में आदिवासी की जमीन कोई दूसरा नहीं खरीद सकेगा। राज्य सरकार ने पूर्व में आदिवासियों की सहमति से जमीन खरीदने के संबंध में बनाए गए कानून को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकेगा। आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है।
CM ने कहा कि अभी तक आदिवासियों की जमीन छीनने का काम होता रहा है, छत्तीसगढ़ की सरकार देश और दुनिया की ऐसी पहली सरकार है, जिसने उद्योगपतियों से आदिवासी किसानों की जमीन वापस लेकर उन्हें लौटाई। बस्तर के लोहंडीगुड़ा क्षेत्र में 10 गांवों के 17 किसानों को 4200 एकड़ भूमि लौटाई गई है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की वजह से ही आज जंगल बचे हैं। वनों का प्रबंधन आदिवासी ही बेहतर ढंग से कर सकते हैं, इसीलिए राज्य सरकार वनवासियों को सामुदायिक वन अधिकार के पट्टे दे रही है। आज कोण्डागांव में 10 वनवासियों को 2000 एकड़ में सामुदायिक अधिकार के पट्टे दिए गए हैं।
भूपेश बघेल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने की घोषणा की है। राज्य सरकार द्वारा पहली बार इस दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित किया गया है। यह जनभावना को सम्मान देने की घोषणा है। आज पूरे प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस पर जश्न का माहौल है। जगह-जगल समारोह में आदिवासी समाज एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुराजी योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी की विकास की गुंज अब विदेशों में भी होने लगी है।


