गुरुवयूर (केरल), (mediasaheb.com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के प्रचंड जनादेश के कारण दुनिया में भारत के प्रति नई आशा और विश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत के प्रति दुनिया के नजरिये में सकारात्मक बदलाव आया था, जो वर्ष 2019 के जनादेश से और मजबूत हुआ है। इस जनादेश के बलबूते हमें नए भारत का निर्माण करना है और देश को नई ऊर्जा, विश्वास और शक्ति के साथ विश्व फलक पर प्रतिष्ठापित करना है।
लोकसभा चुनाव में दुबारा जनादेश हासिल करने के बाद मोदी ने अपनी पहली केरल यात्रा के दौरान शनिवार को यहां भगवान श्री कृष्ण के गुरुवयूर मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर में तुला भार अनुष्ठान के माध्यम से उन्होंने अपने वजन के बराबर पूजा सामग्री का अर्पण किया।प्रधानमन्त्री अपनी पहली विदेश यात्रा पर हिन्द महासागर के देश मालदीव जाते हुए केरल आये थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में देश के मतदाताओं ने नकारात्मकता को अस्वीकार कर दिया और सकारात्मक जनादेश दिया। उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि नकारात्मक सोच को तिलांजलि देकर सकारात्मक सोच को अंगीकार करें।प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग यह सोच सकते हैं कि केरल में भाजपा के एक भी सीट नहीं जीत सकने के बावजूद वह केरल की यात्रा पर क्यों आये।
उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि हम चुनाव जीतने और सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करते बल्कि हमारी राजनीति 365 दिन जनसेवा के लिए है। यह जय-पराजय के संकीर्ण दायरे से मुक्त है।उन्होंने कहा कि जिन्होंने भाजपा को वोट दिया वे भी हमारे हैं और जो हमें वोट देने से चूक गए वे भी हमारे हैं। उन्होंने कहा कि केरल भी उनके लिए उतना ही प्रिय है जितना कि उनका अपना संसदीय क्षेत्र वाराणसी।
प्रधानमन्त्री ने केरल में नीपाह वायरस मामलों के प्रकाश में आने की चर्चा करते हुए कहा कि इस समस्या से निपटने में केंद्र सरकार राज्य को हरसंभव सहायता देगी। उन्होंने लोगों से स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने तथा सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह केंद्र की आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ जुड़ें।प्रधानमन्त्री ने पशुपालन और पशु संरक्षण को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि देश में पशुओं के टीकाकरण का व्यापक अभियान चलाया जाएगा ताकि “फुट-माउथ बीमारी” से पशुओं को बचाया जा सके।(हि.स.)।