नई दिल्ली, (media saheb.com) मानसून सत्र के शुरू होने के साथ बाधित हुई राज्यसभा की कार्यवाही लगभग डेढ़ दिन के बाद सदन के नव नियुक्त नेता पीयूष गोयल की ‘कन्वेंसिंग पावर’ से पटरी पर आ गयी और अलग अलग मुद्दों पर अड़ा विपक्ष COVID महामारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए सहमत हो गया। पूरे मामले से परिचित सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि पिछले डेढ़ दिन में पीयूष गोयल ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कई बार अनौपचारिक मुलाकात की और सदन के सुचारु संचालन के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया। सूत्रों के अनुसार जब भी राज्यसभा में सदन कार्यवाही स्थगित की गयी तो पीयूष गोयल ने सदन के नेता के तौर पर विपक्ष के संबंधित नेताओं से संपर्क किया और उनके विचार गंभीरता से सुने गये। इस बीच वह लगातार राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से भी मिलते रहे।
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान पीयूष गोयल ने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, कांग्रेस के उपनेता आनद शर्मा, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, उप सभापति हरिवंश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. गुरलीधरन से मुलाकात की और एक बैठक में कोविड महामारी और इससे जुड़े मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने पर सहमति प्राप्त कर ली। इसके बाद सदन में एक बजे से कोविड महामारी पर चार घंटे की चर्चा शुरू हो गयी। इसके साथ ही राज्यसभा में डेढ़ दिन से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया। गौरतलब है कि पीयूष गोयल को थावर चंद गहलोत के स्थान पर सदन का नेता बनाया गया है। श्री गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मानसून सत्र की शुरूआत से ही जासूसी कांड, आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देेने की मांग, फोन टैपिंग और किसान आन्दोलन ,महंगाई और बेरोजगार जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष सदन में हमलावर है। राज्यसभा में कोविड महामारी पर चर्चा शुरू होने के साथ ही यह गतिरोध समाप्त हो गया जबकि लोकसभा में यह बरकरार है।For English News : the states.news

