मुंबई, (mediasaheb.com) चंडीगढ़ की लोकसभा सीट को लेकर कईयों की सांसे अटकी हुई हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर अनुपम खेर की पत्नी किरण खेर ने ये सीट जीती थी। सांसे इसलिए अटकी हुई हैं कि अभी तक भाजपा ने इस सीट के लिए किसी की उम्मीदवारी तय नहीं की है। इस देरी को किरण खेर के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। किरण के पति अनुपम खेर इस वक्त सात समुद्र दूर अमेरिका के लास एजेंल्स शहर में बैठे हैं और वहां से खबर ये है कि वे एक टीवी शो की शूटिंग कर रहे हैं। अनुपम खेर की मीडिया टीम ने कुछ दिनों पहले बताया था कि अप्रैल के पहले सप्ताह में अनुपम खेर भारत लौट रहे हैं।
ये भी माना जा रहा था कि किरण खेर की उम्मीदवारी घोषित होगी, तो अनुपम खेर नामांकन पत्र भरने के लिए उनके साथ होंगे और उनके लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे, लेकिन टिकट का इंतजार किरण को भी है और अनुपम खेर को भी है। वैसे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अनुपम खेर के साथ भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के रिश्तों में सहजता नहीं है। अनुपम के एक सहयोगी के मुताबिक, वे मोदी सरकार के कार्यकाल में चार साल तक नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहे और हर मुद्दे पर उनका समर्थन किया, लेकिन पांचवे साल में मामला बिगड़ता चला गया। इसके पीछे कई घटनाएं बताई जाती हैं, जिनमें से एक पुणे के सरकारी संस्थान फिल्म एंड टेलीविजन इंस्ट्टियूट आफ इंडिया (एफटीआईआई) के चेयरमैन पद पर अनुपम खेर को भेज दिया गया, लेकिन उनको कोई सरकारी मदद नहीं दी गई। पहलाज निहलानी की विदाई के बाद वे सेंसर बोर्ड के चीफ की कुर्सी चाहते थे, लेकिन ये कुर्सी प्रसून जोशी को मिली।
अनुपम खेर को उम्मीद थी कि चार साल की सेवा के बाद उनको पार्टी राज्यसभा की सीट का तोहफा देगी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। शिमला सीट के लोकसभा चुनाव का टिकट देने की बात थी, वो भी नहीं हुई। डाक्टर मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म एन एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के विवादों पर सरकार और पार्टी से कोई समर्थन नहीं मिला। चुनावों के लिए स्टार कैंपेनर की लिस्ट बनी, तो अनुपम खेर का नाम यहां से भी नदारद था। यही वजह है कि बालीवुड की हस्तियों द्वारा मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाए जाने की पैरवी करते हुए आम जनता से भाजपा को वोट देने की अपील की गई, तो अनुपम खेर इसका हिस्सा नहीं बने। इंतजार सिर्फ इस बात का हो रहा है कि चंडीगढ़ सीट पर उम्मीदवारी का एलान कब होता है। किरण खेर का टिकट कटा, तो यकीन जानिए कि भाजपा बालीवुड से एक कट्टर समर्थक को खो सकती है। थोड़ा इंतजार करने की जरुरत है। हि स