जगदलपुर, (media saheb) मकान या प्लॉट की खरीदी-बिक्री पर नोटबंदी के बाद से अब तक मंदी छाई हुई है। पिछले साल करीब 170 रजिस्ट्री ही पूरे साल में हो सकी है, जबकि नोटबंदी के पहले यह आंकड़ा 225 से पार पहुंच गया था। बताया जाता है कि अब भी जमीनों की रजिस्ट्री को लेकर लोग पीछे हट रहे हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी डीलर खरीदने और बेचने वाले के बीच केवल शपथपत्र बनवाकर करार के आधार पर ही खरीदी-बिक्री करा रहे हैं। मंदी के दौर से गुजर रहे प्रॉपर्टी बाजार में डीलर तो डील पूरी करा ही रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्री की दर काफी कम हो गई है। शहर में मेन रोड और सदर वार्ड में जमीनों की दर सबसे ज्यादा है।
इसके अलावा बस्तर जिले में सबसे ज्यादा जमीनों की कीमत में उछाल नगरनार इलाके में आया है। इसके पीछे का कारण नगरनार इस्पात संयंत्र है। शहर के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जमीनों की खरीदी-बिक्री में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन जमीनों की रजिस्ट्री में चेक से पेमेंट करने के कारण अधिकृत रूप से रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है। इस बीच 6 से 8 महीनों का करार करने के बाद इनकी रजिस्ट्री क्रेता-विक्रेता के बीच कराई जाती है। उपपंजीयक एमआर भूआर्य ने बताया कि जगदलपुर में जमीनों की रजिस्ट्री में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अप्रैल में संभवत: जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि क्रेता-विक्रेता के बीच करार में जमीनों की खरीदी-बिक्री को लेकर कोई जानकारी नहीं है।(हि.स.)।