महासमुंद / रायपुर (mediasaheb.com)। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा जी-तोड़ मेहनत कर अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिये प्रयासरत है । महता निगम में 30 वार्डो के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा के समक्ष जहां वर्शो से काबिज सत्ता को बचाने की कवायद चल रही हैं वहीं इस किले को ढहाने के लिये कांग्रेस के नेताओं द्वारा भरसक प्रयत्न किया जा रहा है। लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओं के समक्ष बागी उम्मीदवारों ने चुनौती खडे कर दी है। कांग्रेस और भाजपा के अनेक असंतुष्टों ने अपने नेताओं की समझाइश को न मानकर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ निर्देलियों के जबरदस्त प्रचार-प्रसार के चलते यह कह पाना मुश्किल है कि ऊंट किस करवट बैठेगा।
नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पदों के उम्मीदवारों ने अपने-अपने नेताओं के माध्यम से चुनाव लडऩे की इच्छा प्रकट की थी। कांग्रेस के उम्मीदवारों में जहां पूर्व पार्शद चुनाव लडऩे के लिये संगठन को आवेदन दिये थे वहीं भाजपा के भी पार्षद एंव अन्य व्यक्तियों ने निगम चुनाव लडऩे आवेदन प्रस्तुत किया था। लेकिन इनके आवेदनों को नजरअंदाज करते हुये प्रत्याशी चयन समिति द्वारा ऐसे लोगों को वंचित कर दिया गया है जिससे ये पार्टी से बगावत कर अपने-अपने वार्ड में चुनाव लडऩे के लिये मैदान में उतर चुके है। हालांकि ऐसे अंसतुष्ट और बागी उम्मीदवारों पर कोई कार्यवाही इन पंक्तियों के लिखे जाने तक नहीं की गई है।
इधर निगम चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ-साथ ऐसे प्रत्याशियों का चुनाव लडऩा दोनों प्रमुख पार्टियों के लिये एक चुनौती साबित हो रही है। हालांकि भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी तथा निर्दलियों द्वारा अपने-अपने वार्ड स्तर पर जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसलिये 21 दिसंबर को आयोजित होने वाले मतदान के बाद 24 दिसंबर को मतगणना में कौन सी पार्टी के प्रत्याशी विजय पताका फ हराते हैं और कौन सी पार्टी को बहुमत हासिल होगा यह गर्भ में है। दोनों प्रमुख पार्टियों के लिये महिलाओं ने भी इस बार के चुनाव में सक्रियता के साथ कार्य प्रारंभ कर दिया है। वर्षों से भाजपा की शहरी सत्ता पर पकड़ मजबूत रही है।
वहीं वर्षों की परिपाटी को धराशायी करने के उद्देश्य से कांग्रेस के द्वारा लगातार प्रयास जारी है। भाजपा का संपर्क का प्रचार किया जा रहा है। इधर बहुजन समाज पार्टी,जनता कांग्रेस जोगी, आम आदमी पार्टी के अलावा असंतुष्ट बागी प्रत्याशी भी चुनावी समर में पूरी तरह डटे हुए हैं।जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सभी प्रत्याशी अपनी जीत को आसान बनाने के लिये प्रचार-प्रसार में तेजी ला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी ऊहापोह की स्थिति को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 30 वार्डो में अपने-अपने कार्यालय खोलकर संबंधित प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की है।