बिलासपुर, (mediasaheb.com) निजी स्कूलों की मनमानी और आरटीई का पालन नहीं होने संबंधी 2014 में लगाई याचिका पर सुनवाई के दौरान गौरव द्विवेदी के मौखिक जबाब से हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुई। मुख्य न्यायाधीश अजय त्रिपाठी और पीपी साहू की डबल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने के आदेश दिए गए हैं। गुरुवार को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए शासन की ओर से जवाब नहीं आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। डबल बैंच ने सात मई तक शपथ पत्र में विस्तृत जबाब देने को कहा है।
स्कूलों द्वारा मोटी ट्यूशन फीस लेने और आरटीई अधिनियम 2009 में परिवर्तन किए जाने और कोर्ट के निर्देश के बाद भी प्लान नहीं करने पर द्विवेदी को कोर्ट में तलब किया गया था। प्रदेशभर में आरटीई के तहत हजारों छात्रों को निजी स्कूलों में सरकारी खर्चे पर पढ़ाई कराई जा रही है। अनेकों निजी स्कूलों में लगातार शिकायतें आ रहीं हैं, आरोप लगाया जाता है कि निजी स्कूल संचालक मनमानी करते हैं। इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। स्कूल अपनी मर्जी के अनुसार छात्रों को पढ़ाते हैं, सरकारी योजना के बाद भी परिजनों से मोटी फीस वसूली जाती है। ऐसे में परिजनों को शासकीय योजना का लाभ सिर्फ नाम के लिए ही मिलता है। स्कूलों द्वारा मोटी ट्यूशन फीस लेने और आरटीई अधिनियम 2009 में परिवर्तन किए जाने और कोर्ट के निर्देश के बाद भी योजना नहीं बनाने पर द्विवेदी को कोर्ट में तलब किया गया था। अब सुनवाई सात मई को होगी। (हि.स.)।