रायपुर (mediasaheb.com) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने लोक सेवा आयोग की जारी साक्षात्कार प्रक्रिया में पूछे जा रहे सवालों को आपत्तिजनक बताया है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग अब नक्सलवाद को महिमामंडित कर उसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की साजिशों का ताना-बाना बुनते प्रतीत हो रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि आयोग द्वारा मुख्य परीक्षाओं के बाद शुरू की गई साक्षात्कार प्रक्रिया में पूछे जा रहे सामान्य ज्ञान के सवाल न केवल अभ्यर्थियों को हैरानी में डाल रहे हैं, अपितु ये सवाल एक खतरनाक संकेत और संदेश भी दे रहे हैं। अभ्यर्थियों से सामान्य ज्ञान के नाम पर पूछे गए सवालों में एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि नक्सलियों के आराध्य देव कौन हैं? श्री उपासने ने इस सवाल को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि जिस नक्सली हिंसा ने छत्तीसगढ़ में खून की होली खेलकर इस धरती पर तांडव मचाया और केन्द्र व प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जिसके उन्मूलन के कारगर उपाय किए, उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने के बजाय मौजूदा कांग्रेस सरकार नक्सलियों के आराध्य देव की जानकारी जुटाकर क्या संदेश दे रही है? नक्सलवाद के खिलाफ बड़े-बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार ने इस सवाल को आयोग की ओर से पूछे जाने पर आपत्ति नहीं करके अपने दोहरे मापदण्डों व राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी ताकतों की दुरभिसंधि का इतिहास बहुत पुराना है और लोक सेवा आयोग के साक्षात्कार में नक्सलियों के आराध्य देव से जुड़ा सवाल शामिल करना इसी साजिशाना मिलीभगत का परिचायक है। श्री उपासने ने कहा कि नक्सलवाद देश और प्रदेश के लिए नासूर है और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इशारे पर आयोग के सदस्य नक्सली आराध्य देव पर सवाल करके यह साफ और खतरनाक संदेश दे रहे हैं कि नक्सलवाद को महिमामंडित कर चोर दरवाजे से नक्सलवाद को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाएगा। लेकिन प्रदेश सरकार और आयोग की यह मंशा भाजपा कभी पूरी नहीं होने देगी।