कोरबा (mediasaheb.com) किसानों को अब फसल के लिए अधिक दाम पर उपचारित व आधार बीज खरीदना होगा। बीज निगम ने आने वाले खरीफ फसल के आधार व प्रमाणित बीजों का दाम बढा दिया है। जिले के किसानों को पूर्व वर्ष की अपेक्षा आने वाले समय में 3 सौ रुपये अधिक देकर बीज लेना होगा । इससे पूर्व 2018 के दौरान किसानों के लिए तैयार किए गए बीज का दाम 250 रुपए बढ़ाया गया था। 2017 से अब तक बीज के दामों में प्रति क्विंटल 500 रुपए से अधिक का बढ़ोत्तरी हो चुका है। निर्धारित दर पर उपलब्ध हैं 14 तरह के बीजजानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा खरीफ फसल 2019 के लिए किसानों को दिये जाने वाले विभिन्न किस्म के फसलों के लिए तैयार किए गए आधार व प्रमाणित बीजों का दाम बढ़ाया गया है। जिसके अनुसार आने वाले दिनों में फसल के लिए उपचारित बीज लेना किसानों को महंगा पड़ेगा।
जारी किए गए प्रमाणित बीजों के लिए नया दर जारी किया गया है। किसानों को निगम द्वारा कुल 14 तरह के बीज को निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें धान मोटा-पतला, सुगंधित धान, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, अरहर मूंग, उडद, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रमतिल, सनई व ढेचा का बीज उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को इन फसलों के प्रामाणित बीजों के अलावा आधार बीज लेने पर 100 रुपए अधिक दाम का भुगतान करना होगा। सुगंधित धान 475 रुपये महंगा, ज्यादातर दलहनी बीजों के दाम हुए कम किसानों को बीज निगम द्वारा दिए जाने वाला भरोसेमंद आधार व प्रमाणिक बीज अधिक दर पर मिलेगा । बीते साल किसानों ने 1850 रुपये की दर से पतला धान का प्रामाणिक बीज लिया था, जिसे अब 2150 रुपये की दर का भुगतान करना पड़ेगा।
मोटा धान का दर 325 रुपये बढ़ाया गया है। इसी तरह सुगंधित धान पर 475 रुपये बढ़ाया गया है। मक्का का बीज दर कम किया गया है। पूर्व में किसान मक्का बीज पर 19 सौ रुपये का दर दे रहे थे, जिसे अब 25 रुपये कम किया गया है। कोदो, कुटकी, रागी में 4 सौ रुपये की बढ़ोत्तरी, अरहर में 550 रुपये , उड़द में 6 सौ की कमी, मूंग में 750 रुपये की कमी, सोयाबीन का दाम 1 सौ रुपये कम हुआ है। मूंगफली पर 850 रुपये की कमी, तिल के दर में 19 सौ रुपये की कमी, राम तिल पर 2375 रुपये की कमी, सनई पर 950 रुपये की कमी व ढेचा के दाम में 325 रुपये की कमी की गई है।
जिले मे सर्वाधिक रकबा धान का है, जिसे देखते हुए धान बोने वाले किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। वहीं जिन फसलों के बीज के दाम में कमी आई है, उसका रकबा जिले में कम ही है। ऐसे में कम दाम होने का लाभ कम ही किसान उठा पाएंगे। जिले में सर्वाधिक रकबा धान का जिले में खरीफ फसलों मेें सर्वाधिक रकबा धान का है। जिले में 98 हजार हेक्टेयर से अधिक में धान की विभिन्न प्रजातियों की खेती की जाती है। सर्वाधिक पैदावारी रकबा होने की वजह से धान के उपचारित व आधार बीज का जिले भर में मांग अधिक होती है, साथ ही खपत भी अधिक होता है। उपचारित व आधार बीज के दामों में बढ़ोत्तरी किया गया है। जिसका असर जिले के ज्यादातर किसानों पर पड़ेगा। बहरहाल किसानों ने दाम बढ़ने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कृषि विभाग के सीनियर एग्रीकल्चर डेपलपमेंट ऑफिसर राजेश भारती ने बताया कि धान बीजो का भंडारण अगले माह यानी मई से शुरू होगा । इस वर्ष धान के प्रामाणित बीज का रेट में इजाफा हुआ है। हि.स.