रायपुर, (media saheb.com) छत्तीसगढ़ की आर्थिक व्यवस्था बहुत कुछ किसानों के धान की खरीदी पर निर्भर है। जिस वर्ष धान का उत्पादन कम होता है, उस साल बाजार की कमर टूट जाती है। धान खरीदी के बाद बड़ी रकम गांवों से बाजार में आती है। फसल न होने से किसानों को पर्याप्त रकम नहीं मिलती और इसका असर ऑटोमोबाइल, कपड़ा से लेकर सराफा मार्केट तक में देखने को मिलता है। इसी तरह धान खरीदी का विषय नेताओं को बहुत पसंद है। चाहे कोई भी पार्टी विपक्ष में हो, उसे धान खरीदी पर हर साल राजनीति करनी ही है। यह अलग बात है कि इसी बहाने किसानों की समस्याओं पर आवाज उठाई जाती है और प्रशासन अलर्ट रहता है। इस बार बारदाना का संकट गहरा गया है। इसे लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं विपक्ष के रूप में भाजपा ने इसका दोष राज्य सरकार पर मढ़ा है। सियासत के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद ही धान खरीदी की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। उनके सख्त निर्देश के बीच अधिकारी मुस्तैद हैं, वहीं उन्होंने कुछ अच्छे फैसले लेकर किसानों की मदद करने की कोशिश की है। इसमें बारदाने के लिए मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी करना शामिल है। इसी तरह उन्होंने राइस मिलर्स का ध्यान रखा है और उन्हें भी उठाव व मिलिंग का काम तेजी से करने की सलाह दी है। इन सबके बीच ध्यान रखना होगा कि बारदाना संकट और धान खरीदी में अव्यवस्था से किसान न पिस जाए। किसान को फसल आने के बाद उसका मूल्य समय पर मिलने का इंतजार रहता है। यही कारण है कि पहले ही दिन बालोद में उमड़ी किसानों की भीड़ के कारण भगदड़ मच गई थी। सरकार को व्यवस्थित तरीके से खरीदी का बंदोबस्त करना होगा, जिससे आम किसान परेशान न हो और साथ ही कहीं पर भ्रष्टाचार पनपने का कारण न बने। जहां तक सरकारी आंकड़ों की बात करें तो राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए एक दिसम्बर से शुरू हुए धान खरीदी के बीते सात दिनों में शाम साढ़े 7 बजे तक 2 लाख 62 हजार 466 किसानों से 08 लाख 65 हजार 735 मीटरिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। किसानों से 2476 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। खरीदी के पश्चात् बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत इन किसानों को 1306 करोड़ 72 लाख रूपए की राशि मार्कफेड द्वारा अपैक्स बैंक को भुगतान के लिए जारी किया गया है। धान खरीदी के सातवें दिन भी राजनांदगांव जिला प्रदेश में पहले पायदान पर है। राजनांदगांव जिले में 95208 मीटरिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। वहीं अब तक की धान खरीदी में बलौदाबाजार जिला राज्य में दूसरे स्थान पर है। बलौदाबाजार जिला में 69,080 मीटिरिक टन धान की खरीदी हुई है। बेमेतरा जिला धान खरीदी के मामले में आज राज्य में तीसरे क्रम पर है। बेमेतरा जिला में 68,702 मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है।दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर धान खरीदी के समनांतर धान उठाव एवं कस्टम मिलिंग कार्य भी निरंतर हो रहा है। छह दिसम्बर को रायगढ़ जिले के आकांक्षा राइस मिल सरिया द्वारा मिलिंग के पश्चात प्रदेश में सर्वप्रथम 290 क्विंटल चावल का पहला लॉट एफसीआई को जमा कराया गया। इस तरह प्रदेश में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग कर राइस मिलर्स द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराने का सिलसिला शुरू हो गया है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों और खाद्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में राज्य में धान की कस्टम मिलिंग की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था के तहत सुव्यवस्थित कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलरों को प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर अब 120 रूपए प्रति क्विंटल किए जाने का ऐलान किया। श्री बघेल ने राइस मिलर एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं पर भी चर्चा की और उनके निराकरण के लिए दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में बताया कि किसानों के पुराने जूट बारदाने का मूल्य 18 रूपए प्रति नग से बढ़ाकर 25 रूपए कर दिया गया है। उन्होंने राइस मिलरों से कहा कि समितियों से धान का उठाव और मिलिंग कार्य में गति लाते हुए चावल जमा करने के कार्य को समयावधि में पूरा कर लिया जाए और बारदानों की आपूर्ति पर राइस मिलर्स भी विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर किसानों को अब पुराने बारदाने के एवज में 25 रुपए का भुगतान किया जाएगा । इस संबंध में खाद्य विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर दिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों को अपने बारदाने में धान लाने की छूट राज्य शासन द्वारा दी गई है। किसानों द्वारा स्वयं के बारदाने में लाए गए धान की खरीदी के साथ उन्हें पुराने बारदाने की एवज में पूर्व में 18 रुपये का भुगतान किया जाना था। यह फैसला किसानों के लिए राहतभरा है। इससे पहले तक किसानों को बारदाने में होने वाले आर्थिक नुकसान की चिंता थी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर शुरू हुई धान खरीदी को लेकर किसानों में बेहद उत्साह है। धान खरीदी के लिए राज्य में 2399 उपार्जन केेन्द्रों बनाए गए हैं। किसानों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा इस साल 88 नये उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए हैं, ताकि किसानों को धान बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े। नये उपार्जन केन्द्रों की स्थापना विधायकगणों, किसान संगठन एवं किसानों की मांग पर शुरू किए गए हैं। बीते वर्ष राज्य में धान उपार्जन 2311 केन्द्रों में किया गया था। इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 22 लाख 66 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस साल धान के रकबे और किसानों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए लगभग 105 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। बीते वर्ष राज्य में समर्थन मूल्य पर 92 हजार मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया था।(For English News : thestates.news)