बीते साल के बराबर आवक की उम्मीद
नई दिल्ली(media saheb.com) । पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ और इन राज्यों से फसल की आवक में देरी हुई, जिसके कारण सितंबर 2021 के अंत से पूरे भारत में टमाटर का औसत खुदरा मूल्य बढ़ रहा है। उत्तर भारतीय राज्यों से फसल की आवक में देरी होने के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई, जिससे आपूर्ति बाधित हुई और फसल को भी नुकसान हुआ। 25 नवंबर को टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 67 रुपये/किलोग्राम था जो पिछले वर्ष की तुलना में 63% अधिक है। टमाटर की कीमत अत्यधिक अस्थिर है क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला में मामूली व्यवधान या भारी बारिश के कारण क्षति होने से कीमतों में तेजी आती है। इसके विपरीत, थोक आवक और लॉजिस्टिक्स समस्याओं के कारण बाजार में अजीब स्थिति पैदा हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप खुदरा कीमतों में गिरावट आ सकती है। कृषि विभाग के अनुसार, चालू वर्ष में अनुमानित खरीफ उत्पादन 69.52 लाख मीट्रिक टन है, जो पिछले वर्ष उत्पादित 70.12 लाख मीट्रिक टन के करीब है। पिछले साल 21.32 लाख मीट्रिक टन की तुलना में इस साल नवंबर में आवक केवल 19.62 लाख मीट्रिक टन था। उत्तर भारतीय राज्यों से टमाटर की आवक दिसंबर की शुरुआत से ही शुरू हो जाएगी, जिससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी। दिसंबर में, आवक पिछले साल के बराबर होने की उम्मीद है।
प्याज के मामले में, अक्टूबर 2021 के दौरान कीमतों में वृद्धि काफी हद तक कम हो गई है और इसका स्तर 2020 और 2019 में रही खुदरा कीमतों से नीचे है। 25 नवंबर को प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 39 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 32 फीसदी कम है। मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत चालू वर्ष में उत्पादित 2.08 एलएमटी का प्याज भंडार उन राज्यों/शहरों के लिए एक कैलिब्रेटेडऔर नियोजित तरीके से जारी किया गया है जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं और साथ ही प्रमुख मंडियों में उपलब्धता बढ़ाने के लिए लासलगांव और पिंपलगांव जैसे स्रोत बाजारों में भी प्याज भेजा गया है। इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के भंडारण स्थानों को 21 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज की पेशकश की गई है। नगालैंड और आंध्र प्रदेश ने बफर स्टॉक से प्याज लिया है। सफल को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की आपूर्ति की गई है। बफर स्टॉक से प्याज की अत्यधिक निकासी ने कीमतों को स्थिर करने में योगदान दिया है। खरीफ और विलंबित खरीफ उत्पादन 69 एलएमटी होने का अनुमान है; बाजार में खरीफ प्याज की आवक शुरू हो चुकी है। मूल्य स्थिरीकरण कोष योजना के तहत, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 50:50 साझा आधार पर (पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में 75:25) राज्य स्तरीय मूल्य स्थिरीकरण कोष के निर्माण के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिए जाते हैं। अब तक छह राज्यों, आंध्र प्रदेश, असम, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने ऋण आहरित किया है और कुल 164.15 करोड़ रुपये केंद्रीय हिस्से के रूप में जारी किए गए हैं। इन राज्यों के पास आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप करने के लिए धन और अधिकार है। अन्य राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि वे आवश्यक खाद्य वस्तुओं में मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए राज्य स्तरीय हस्तक्षेप के लिए पीएसएफ की स्थापना करें।(For English News : thestates.news)