रायपुर.(media saheb) छत्तीसगढ़ के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 10 मंत्रियों के नाम की सूची जाहिर होने के साथ ही मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के अगले कदम की दिशा साफ होगी। पूर्ण बहुमत के साथ बनी सरकार में मंत्रियों के चयन से लेकर उनके विभागों के बंटवारे में सरकार के अगले कदम की आहट सुनाई देने वाली हैै।
इससे पहले मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर की शाम शपथ से लेकर देर रात तक के उलटफेर व तब से शनिवार 22 दिसंबर कर उन्होंने बेहद सधे हुए कदम उठाएं है। सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी का धान की कीमत 2500 करने का आदेश जारी करने साथ ही वरिष्ठ सरकारी अफसरों की पोस्टिंग सर्जरी, साथ ही उन्होंने अपने चार सलाहकारों की नियुक्ति भी कर दी है। लेकिन अब 10 मंत्रियों के नामों की सूची को फायनल करवाकर लाने के काम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का असली दम व बड़ा सियासी दांव दिखने वाला है।
नाम के चयन का दांव
भूपेश बघेल मंत्रियों के रूप में नए नाम शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे टीएस सिंहदेव व ताम्रध्वज साहू मंत्री पद की शपथ ले चुके हैैं। अब बाकी मंत्रियों के नाम तय करना मुख्यमंत्री का अधिकार हैै, लेकिन इसमें पार्टी आलाकमान की राय व सहमति भी शामिल होती हैै। लिहाजा दोनों के हिसाब से भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तावित नाम ही चयन का आधार बनने की संभावना है।
विभागों के बंटवारे का गणित
मंत्रियों का नाम तय होने के साथ ही उनके विभागों के बंटवारे से सरकार के काम काज की रणनीति साफ होगी। मंत्री पद की शपथ ले चुके टीएस सिंहदेव ने वित्त विभाग में अपनी रूचि के साथ गृह(पुलिस) विभाग के प्रति अपनी बेरूखी साफ कर दी है। मुख्यमंत्री को गृहमंत्री के पद के लिए किसी एक महत्वपूर्ण नेता का चयन करना होगा। ताम्रध्वज साहू के बारे में अनुमान है कि उन्हें कृषि विभाग दिया जा सकता हैै। लेकिन इसके आगे की कहानी में कई बड़े दांव छिपे हुए हैैं। विभागों के गणित में लोक निर्माण विभाग के लिए एक बड़ा दावा सामने आया है. इसे नजरअंदाज करना कठिन लग रहा है। अन्य मंत्रियों को उनकी वरिष्ठता व अनुभव के हिसाब से विभाग दिए जाने हैं। माना जा रहा है कि पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे व इस बार विधायक बने नेता फायदे में रहेंगे। लेकिन इन्हें विभाग बांटने में कई दांवपेच सामने आ सकते हैं।