नई दिल्ली,(mediasaheb.com) । देशभर के व्यापारियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी महाधिवेशन छह जनवरी से दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले होगा। इसका उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाधिवेशन में देश के खुदरा व्यापार में छाई आर्थिक मंदी, नक़द तरलता की कमी, कर व्यवस्था की जटिलता और ई-कॉमर्स कंपनियों के अनैतिक व्यापार मॉडल के कारण बर्बाद हो रहे कारोबार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में व्यापारियों की भूमिका जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। खंडेलवाल ने बताया कि व्यापारियों को उम्मीद है की महाधिवेशन में व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी और समाधान के रास्ते निकालने पर निर्णय लेकर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले हो रहे व्यापारियों के इस महाधिवेशन पर अनेक राजनीतिक दलों की भी निगाहें टिकीं है। महाधिवेशन में देशभर और दिल्ली के व्यापारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि छह जनवरी को अधिवेशन के दौरान विभिन्न सत्रों में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भाग लेंगे और व्यापारिक मुद्दों एवं व्यापारिक वर्ग को किस प्रकार आधुनिकीकरण, डिजिटल सिस्टम आदि से जोड़ा जा सकता है, इस पर चर्चा करेंगे। दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से कैसे मुक्त किया जाए इस पर भी पहले दिन के सत्र में चर्चा होगी। इस दौरान देश के प्रमुख अर्थ एवं वित्त विशेषज्ञ भी अनेक सत्रों की चर्चा में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि महाधिवेशन के दौरान चर्चा किए जाने वाले विभिन्न मुद्दों में विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा केंद्र सरकार की एफडीआई पालिसी का पालन न करते हुए ई-कॉमर्स व्यापार को बर्बाद करने एवं देश के व्यापारियों के व्यापार पर उसका विपरीत प्रभाव पर भी गंभीर चर्चा होगी और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी, जिससे सरकार इन ई- कॉमर्स कंपनियों को एफडीआई पॉलिसी का पालन करने के लिए बाध्य कर सके।
कैट महासचिव ने कहा कि ई-कॉमर्स व्यापार में आवश्यक सुधार पर भी चर्चा होगी और देश में जल्द से जल्द ई-कॉमर्स पालिसी को लागू करने की घोषणा सरकार द्वारा करवाने पर भी विचार होगा। ई-कॉमर्स व्यापार के देख-रेख के लिए एक ई-कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी अथवा ई-कॉमर्स लोकपाल के गठन करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा देशभर के व्यापारियों को जीएसटी के वर्तमान स्वरूप में व्यापत विसंगतियों के कारण आ रही समस्याओं, रिफंड का न मिलना, जीएसटी कर व्यवस्था का सरलीकरण, जीएसटी की कर दरों में विसंगतियों को दूर करना एवं जीएसटी के अंतर्गत इस वर्ष दो करोड़ व्यापारियों को जोड़ने के लक्ष्य पर भी विचार होगा। (हि.स.)


