नई दिल्ली, (media saheb) भारत के अभिन्न मित्र, राष्ट्रपति रामाफोसा आज हमारे बीच मौजूद हैं। उनके लिए भारत नया नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। 2016 में जब मैं दक्षिण अफ्रीका गया था, उस समय मेरी राष्ट्रपति रामाफोसा के साथ पहली मुलाकात हुई थी। उस समय वे उप-राष्ट्रपति थे, और हमारी उस पहली मुलाकात में ही, मैंने भारत के प्रति उनके उत्साह और स्नेह का अनुभव किया था।
पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट के समय मैंने उनके शानदार आतिथ्य-सत्कार का अनुभव किया। ये बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति मातमेला सिरिल रामफोसा से हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद कही।
हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में रक्षा, वाणिज्य, निवेश, कौशल विकास, विज्ञान एवं तकनीकी, शिक्षा सहयोग सहित कई मुद्दों पर बात हुई। बैठक बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया, जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा की यह भारत यात्रा हमारे संबंधों के एक विशेष मुकाम पर हो रही है। इस वर्ष महात्मा गांधीजी की 150वीं वर्षगाँठ है। पिछला वर्ष नेल्सन मंडेला जी की जन्म-शताब्दी का वर्ष था। और पिछले साल हमारे राजनयिक संबंधों की रजत-जयंती भी थी। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि इस विशेष मुकाम पर राष्ट्रपति रामाफोसा भारत आए हैं। उनकी यह भारत यात्रा हमारे लिए और भी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि शनिवार को वे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह सम्मान और गौरव वे हमें दे रहे हैं, इसके लिए समस्त भारत उनका आभारी है।
भारत- दक्षिण अफ्रीका के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति रामाफोसा के साथ बातचीत में हमने अपने संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की। हमारे बीच व्यापार एवं निवेश के संबंध और अधिक प्रगाढ़ हो रहे हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर से भी अधिक है। इस वर्ष ‘वाइब्रेंट गुजरात’ में दक्षिण अफ्रीका ने साथी देश के रूप में हिस्सा लिया है। दक्षिण अफ्रीका में निवेश बढ़ाने के राष्ट्रपति रामाफोसा के प्रयासों में भारतीय कंपनियां बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। दक्षिण अफ्रीका के कौशल विकास प्रयासों में भी हम साझेदार हैं। प्रिटोरिया में शीघ्र ही गांधी-मंडेला स्किल इंस्टीट्यूट की स्थापना होने वाली है। और हम दोनों इन संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व का मानचित्र देखें तो यह स्पष्ट है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका, दोनों ही हिन्द महासागर में बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित हैं। हम दोनों विविधताओं से परिपूर्ण लोकतांत्रिक देश हैं। महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की विरासत के उत्तराधिकारी हैं। और इसलिए, हम दोनों का व्यापक वैश्विक नजरिया एक दूसरे से काफी मेल रखता है। ब्रिक्स, जी-20, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन, ईब्सा, जैसे अनेक मंचों पर हमारा आपसी सहयोग और समन्वय बहुत मजबूत है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों पर भी हम साथ मिल कर काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति की इस भारत यात्रा के कार्यक्रम का पहला और एक विशेष हिस्सा “गांधी-मंडेला फ्रीडम लेक्चर” आज आयोजित किया जा रहा है।
इससे पहले मेहमान राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। राजकीय सम्मान समारोह में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मातमेला सिरिल रामफोसा को सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियों ने गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रिमंडल के साथ मौजूद थे। इसके बाद रामफोसा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए राजघाट भी गए। वह शुक्रवार सुबह अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। रामफोसा शनिवार को आयोजित होने वाले 70वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। (हि.स.)।