जगदलपुर, (mediasaheb.com) बस्तर का क्षेत्रफल केरल राज्य से भी अधिक है और इस विशाल बस्तर की सीमायें पड़ोसी राज्यों से भी मिलती हैं। इन सीमाओं का क्षेत्र नक्सली हिंसा से ग्रस्त हैं। इसलिए इन सीमाओं पर सर्वाधिक अतिरिक्त सतर्कतापूर्वक निगरानी रखी जायेगी। इसके लिए 53 स्थानों पर स्थाई नाका लगाकर लोगों पर कड़ी निगाह रखी जायेगी। ये सभी नाके राज्यों के सीमा पर होंगे, साथ ही प्रदेश के राजमार्गों में भी इन्हें बनाया जायेगा। नाका स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि इस बार के चुनाव में नक्सलियों द्वारा बाधा डालने की पूरी संभावना है और इसलिए अतिरिक्त सावधानी आवश्यक है। स्थापित किये जा रहे जांच नाकों में स्थाई निरीक्षण दल के दस्ते तैनात रहेंगे। इस संबंध में जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी जिलाधीश डॉ. अय्याज तंबोली ने जानकारी दी कि बस्तर संसदीय क्षेत्र से आंध्र प्रदेश, ओडि़शा, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा लगती है। इस चुनाव में कोई बाधा न हो और चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो इसके लिए नाका बनाये जा रहे हैं। चुनाव के दौरान वीडियों से निगरानी के लिए 22 टीमें व अवलोकन के लिए 13 टीमें तथा 36 उडऩदस्तों की टीम रहेंगी।
दक्षिण बस्तर के कोंटा से लेकर कोंडागांव और भोपालपट्टनम से लेकर धनपुंजी तक बस्तर संसदीय क्षेत्र में छह जिले और 08 विधानसभा क्षेत्र समाहित है। विशाल क्षेत्रफल के कारण निरीक्षण करने वाले दलों व जांच नाका की संख्या इसीलिए अधिक है। इसके अलावा ओडिशा के नवरंगपुर , कोरापुट के जिलाधीशों से चुनाव के समय कानुन एवं व्यवस्था बनाये रखने तथा शराब व धन की अवैध निकासी पर सतर्कता बरतने के संबंध में चर्चा हो चुकी है।(हि स)।