नई दिल्ली, (mediasaheb.com) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपित क्रिश्चियन मिशेल से जेेल के अंदर पूछताकी मांग करने वाली ईडी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कल यानि 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर कर फिर सुनवाई होगी। आज(सोमवार को) सुनवाई के दौरान मिशेल के वकील ने कहा कि उसे जेल में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने मिशेल को कोर्ट में पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया। कोर्ट ने मिशेल को 12 मार्च को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। पिछले 5 मार्च को मिशेल की एकांत कारावास में रखने के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने मिशेल की सुरक्षा का ख्याल रखने का निर्देश दिया था।
स्पेशल जज अरविंद कुमार ने तिहाड़ जेल प्रशासन की उस दलील के बाद ये आदेश दिया था कि मिशेल को जेल नंबर 2 में सुरक्षा वजहों से शिफ्ट किया गया है। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि मिशेल को सुरक्षा कारणों से हाई सिक्योरिटी जेल नंबर 2 में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि जेल नंबर-1, 3 और 4 भी हाई सिक्योरिटी जेल हैं और ये जेल विचाराधीन कैदियों के लिए हैं जबकि जेल नंबर 2 दोषियों के लिए। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि मिशेल को जेल नंबर 1, 3 और 4 में शिफ्ट किया जा सकता है। तब मिशेल के वकील अल्जो के जोसेफ ने कहा था कि मिशेल को जेल नंबर 2 से शिफ्ट किया जाए क्योंकि यह दोषी करार दिए जा चुके कैदियों के लिए है। मिशेल को सामान्य सेल में रखा जाना चाहिए न कि हाई सिक्योरिटी सेल में। उन्होंने कहा था कि हाई सिक्योरिटी सेल में किसी कैदी की आजादी खत्म हो जाती है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि मिशेल को जेल नंबर-2 से जेल नंबर-1, 3 या 4 में शिफ्ट किया जाए। कोर्ट ने मिशेल को वो सभी सुविधाएं देने का निर्देश दिया जो दूसरे कैदियों को जेल मैन्युअल के मुताबिक मिलती है।
कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो मिशेल की सुरक्षा की समीक्षा करें और उसे उचित सेल में रखने का फैसला करें। पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने मिशेल को गर्मी के कपड़े देने के लिए अपने वकील से मीटिंग करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो इसके लिए मिशेल को उसके वकील से मिलने दें। पिछले 16 फरवरी को कोर्ट ने मिशेल की जमानत अर्ज़ी खारिज कर दी थी। ईडी और सीबीआई दोनों ने मिशेल की ज़मानत का विरोध करते हुए कहा था कि उसकी ”प्रभावशाली लोगों” से नजदीकी है, ज़मानत मिलने पर देश छोड़कर भाग सकता है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कोर्ट सीबीआई और ईडी दोनों के चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है, इसलिए आरोपित डिफाल्ट जमानत का दावा नहीं कर सकता है।
मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उसके खिलाफ 60 दिनों की तय समय-सीमा में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई थी। मिशेल ने कहा था कि जांच पूरी हो चुकी है। 22 दिसंबर,2018 को भी कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ईडी की रिमांड पर भेज दिया था। 11 दिसंबर,2018 को कोर्ट ने मिशेल के हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग के सैंपल लेने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने मिशेल को अपने परिवार के सदस्यों में से अपने भाई के अलावा सभी लोगों से बात करने की अनुमति दी थी। मिशेल को प्रत्यर्पण से लाने के बाद 4 दिसंबर की रात में ही सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने कहा था कि अगस्ता घोटाले की करीब 3 हजार करोड़ रुपये की रकम दुबई के दो खातों में ट्रांसफर किए गए।(हि.स.)।