बायो फ्यूल से अपनी गाड़ी नहीं चला पाए, हवाई जहाज उड़ाने चलेएमओयू पर मुख्यमंत्री को घेरा पूर्व मंत्री अकबर ने
रायपुर(media saheb.com) हवाई जहाज के लिए बायोफ्यूल उत्पादन हेतु मुख्यमंत्री डाॅ रमनसिंह की अध्यक्षता में हुए एमओयू पर प्रदेश के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने व्यंग्य किया है। उनहोंने दस्तावेजों के आधार पर कहा है कि बायो डीजल के नाम पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता के लगभग एक हजार करोड़ रूपये बर्बाद कर दिए, अब फिर से बायो फ्यूल के नाम पर शासन के खजाने का नुकसान करने जा रहे है।मोहम्मद अकबर ने बताया कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में बायो डीजल उत्पादन का सपना प्रदेशवासियों को दिखाया था। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रदेश शासन के खजाने से बड़े पैमाने पर राशि विज्ञापनों पर खर्च की। 1 अक्टूबर 2005 को शासकीय विज्ञापन में ‘आत्म निर्भरता’ की अभिनव पहल में ‘छत्तीसगढ़ अव्वल’ शीर्षक से मुख्यमंत्री ने जो उद्गार वयक्त किए थे, उसके अनुसार ‘रतन जोत, करंज जैसी वनस्पति बायो डीजल पैदा करने की तकनीक निश्चित ही बहुत ही नई नहीं है, नया है तो साहस, यह सोच कि छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों को इस तकनीक का लाभ देकर हर गांव को डीजल के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया जाए।’ मुख्यमंत्री ने कहा था कि गांव-गांव में बायोडीजल बनेगा तो कुछ सालों में ही छत्तीसगढ़ अपनी पूरी जरूरत का डीजल खुद बना लेगा। मुख्यमंत्री ने यह कहकर प्रदेशवासियों को उम्मीद दिलाई थी कि हर किसी की जिंदगी में डीजल की कीमत कुछ न कुछ असर जरूर डालती है, अतः बायो डीजल का लाभ हर किसीको मिलेगा और डीजल के लिए छत्तीसगढ़ को खाड़ी का मुंह नहीं ताकना होगा।
‘डीजल मिलेगा बाड़ी से’ का नारा दिया था
पूर्व मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 20 अप्रेल 2005 को एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि 1 मई 2005 से उनकी गाड़ी बायो फ्यूल से चलेगी, और अगले दस वर्षों में छत्तीसगढ़ के सभी किसानों के ट्रेैक्टर और दूसरी गाड़ियां भी बायोफ्यूल से चलने लगेगी और नारा दिया ‘डीजल नहीं अब खाड़ी से, डीजल मिलेगा बाड़ी से।
मुख्यमंत्री का दावा निकला फर्जी
मोहम्मद अकबर ने कहा कि सरकारी खजाने का एक हजार करोड़ रूपये बर्बाद हो गया तथा डाॅ. रमन सिंह की घोशणा फर्जी साबित हो गई। अपनी घोषणा के दस साल के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में 18 जुलाई 2016 को लिखित उत्तर में बताया कि बायो डीजल के निर्माण हेतु कच्चा माल प्राप्त करने की दिशा में किसी किस्म के पौधा रोपण का कार्य नहीं किया गया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का दावा फर्जी निकलने के कारण छत्तीसगढ़ के किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं और कहने लगे हैं –
‘डीजल नहीं है बाड़ी में, क्या डालें गाड़ी में’।अब तीन वर्ष की कार्ययोजना का दावा
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह की अध्यक्षता में उनके निवास पर 12 जनवरी 2017 को हुई बैठक में राज्य शासन के उपक्रम छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल प्राधिकरण और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के बीच एमओयू हुआ। इसके अनुसार हवाई जहाजों के लिए ईंधन (बायोफ्यूल) उत्पादन के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना पर दोनों संस्थाएं मिलकर काम करेगी।बायोफ्यूल उत्पादन की रमन सरकार की इस नई कार्ययोजना पर पूर्व मंत्री का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले शासन के खजाने के लगभग एक हजार करोड़ रूपये नुकसान का जवाब जनता को दें। फिर नये सपने दिखायें। मुख्यमंत्री अपनी घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के सभी किसानों का ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ियों में जिसमेंखुद उनकी गाड़ी भी शामिल है, अपनी सरकार के द्वारा निर्मित बायो डीजल से नहीं चला पाए, अब वे हवाई जहाज उड़ाने चले है।
नई घोषणा का भी हश्र, पुरानी की तरह होगा
मुख्यमंत्री को उनकी घोषणा की याद दिलाते हुए मोहम्मद अकबर ने कहा कि पहले बायो डाीजल के मामले में हर गांव को आत्मनिर्भर बनाऐं और छत्तीसगढ़ के सभी ट्रैक्टर एवं अन्य गाड़ियों को बायो डीजल से चलवाएं, उसके बाद ही हवाई जहाज उड़ाने का प्रयास करं तो बेहतर है। बायो फ्यूल से हवाई जहाज उड़ाने की घोषणा का हश्र भी पुरानी घोषणा के हश्र की तरह ही होना है।