नई दिल्ली, (mediasaheb.com) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार अलगाववादी नेता और जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को 24 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
एडिशनल सेशंस जज राकेश स्याल की कोर्ट ने यासिन मलिक को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल ने कोर्ट से यासिन मलिक की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की अनुमति देने की मांग की। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि यासिन मलिक को कोर्ट में पेश करने के दौरान सुरक्षा का खतरा है, इसलिए उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की अनुमति दी जाए। इस अर्जी पर कोर्ट ने यासिन मलिक के वकील से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने यासिन मलिक को एनआईए हिरासत में भेज दिया था।
एनआईए ने यासिन मलिक को गिरफ्तार करने के स्पेशल जज राकेश स्याल की कोर्ट में पेश किया था। यासिन मलिक को प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। एनआईए ने जम्मू के स्पेशल कोर्ट से यासिन मलिक की हिरासत की मांग की थी। एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वो इसकी जांच करना चाहती है कि आतंकी गतिविधियों को फंडिंग करने वाले लोगों की कड़ी जानना चाहती है। एनआईए ने कहा कि वो सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करने और स्कूलों को जलाने से लेकर सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वालों की आर्थिक मदद करने वालों तक पहुंचना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि यासिन मलिक के खिलाफ 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में शामिल होने का आरोप है। यासिन मलिक के खिलाफ 1990 के दशक में भारतीय वायु सेना के चार जवानों की हत्या करने का भी आरोप है। यासिन मलिक के संगठऩ जेकेएलएफ को पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था।(हि.स.)।