नई दिल्ली, (mediasaheb.com) लोकसभा में शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह बढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखते हुए राज्य के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 पेश किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस साल के आखिर तक चुनाव होंगे।
शुक्रवार को सदन में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पेश करते हुए शाह ने कहा कि जब कोई भी दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने का निर्णय लिया। राज्य में विधान सभा चुनाव कराए जाने पर शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव संभव हैं। उन्होंने कहा कि रमजान के बाद अब अमरनाथ यात्रा होनी है, इस कारण अभी चुनाव कराना संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने इस साल के अंत में वहां चुनाव कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 पेश किया और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को भी आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव किया।
गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसी को खुश करने या लुभाने के लिए नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वालों के लिए है। शाह ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में स्थिति की निगरानी कर रही है और सीमावर्ती इलाकों में बंकरों का निर्माण पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा तय अवधि में पूरा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए 2014 के अंत में चुनाव हुए थे जिसके बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गठबंधन सरकार बनाई। यह गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा न कर सकी और भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद राज्य विधानसभा भंग कर दी गई। राज्य में राज्यपाल शासन की अवधि अगले सप्ताह समाप्त हो रही है इसलिए सरकार ने फिर से इस अवधि को 6 माह बढाने का फैसला किया है। (हि.स.)।