रायपुर, (mediasaheb.com) छत्तीसगढ़ में नई सरकार के आने के बाद से राज्य की आर्थिक हालात बेहद चिंताजनक बनी हुई है। राज्य में पिछले तीन महीनों से शिक्षकों से लेकर आंगनबाड़ी तक के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। यहां तक कि विधायकों के वेतन पर भी ताला लगा हुआ है। इस वजह से राज्यभर में विभिन्न संस्थाओं के सरकारी कर्मचारियों के बीच नाराजगी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री के नाम खुला विरोध पत्र राज्य में शिक्षकों की नाराजगी के बीच अब छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन भी कूद गया है।
शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम लिखे खुले पत्र में शिक्षक फेडरेशन ने 44 डिग्री तापमान के बीच भीषण गर्मी में चल रहे समर कैंप को तत्काल रद्द करने की मांग की है। फेडरेशन के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने कहा कि प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में मई एवं जून में दो माह तक ग्रीष्मावकाश रहता है। यह परम्परा देश की आजादी से पहले की चली आ रही है।
छत्तीसगढ़ में “राज्य परियोजना कार्यालय” के प्रबंध संचालक आईएएस पी दयानंद द्वारा प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों को अर्द्ध शासकीय पत्र जारी कर समर क्लास लगाने के लिए कहा गया है। राज्य के कोने-कोने से शिक्षक संघ का फूट रहा गुस्सा ऐसा ही एक मामला बिलासपुर से है, जहां छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने खुलकर सरकार के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया है। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार के प्रशासन विभाग के विशेष नगरीय सचिव और संचालक से शिक्षकों के वेतन जल्द से जल्द आवंटित करने की मांग की है। भीषण गर्मी में तेंदूपत्ता की बोरियां गिन रहे मास्टर जी छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के बीच एक नई समस्या आ गई है, जिसने उन्हें परेशान कर रखा है। समस्या यह है कि वन विभाग में कर्मचारियों की कमी की वजह से स्कूल के शिक्षकों को तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में ड्यूटी लगायी जा रही है।
महिला शिक्षक भी गिन रहीं बोरियां संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ नारायणपुर के जिलाध्यक्ष पूरन सिंह देहारी ने सरकारी आदेश का विरोध करते हुए सवाल उठाया कि गर्मी की छुटि्टयों में शिक्षकों को तेंदूपत्ता फड़ अभिरक्षक बनाया जाना निंदनीय है। खासकर महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाना ठीक नहीं है। शिक्षाकर्मी संघ इसका पुरजोर विरोध करता है। जंगल के इलाकों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति पर भी हंगामा मचा हुआ है। अब सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक छत्तीसगढ़ के पंचायत और नगरीय निकायों में कार्यरत करीब 60 हजार से अधिक शिक्षकों को दो महीनों से वेतन ही नहीं मिला है।
वेतन नहीं मिलने से शिक्षाकर्मियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। इस वजह से छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने शनिवार को राज्य सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। अगर सरकार 15 दिनों के अंदर वेतन को लेकर कोई ठोक कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय में शिक्षाकर्मी आंदोलन का रुख अपना सकते हैं। (हि.स.)।