धमतरी (media saheb.com) छत्तीसगढ़ शासन दुग्ध संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष विपिन साहू का कहना है कि राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही गुणवत्तायुक्त दूध उपलब्ध कराने के उद्देश्य को लेकर वे आगे बढ़ेंगे।
छत्तीसगढ़ साहू संघ जैसे बड़े समाज के सात साल से अधिक समय तक अध्यक्ष रह चुके, क़ृषि उपज मंडी धमतरी के पूर्व अध्यक्ष एवं दुग्ध संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष विपिन साहू ने हमें दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत आज दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। देश में श्वेत क्रांति के माध्यम से डॉ. वर्घीस कुरियन ने देशभर में दूध के उत्पादन और उसकी कमी को दूर करने का जिस तरह प्रयास किया, उसकी सफ़लता को देश जानता है। कुरियन सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्होंने किसानों को हो रही तकलीफ को ध्यान में रखकर अपने दो साथियों त्रिभुवन दास पटेल एवं सरदार भाई पटेल को लेकर दूध उत्पादन के क्षेत्र को सहकारिता से जोड़ा। जिससे किसानों की हो रही दुर्गति पर विराम लगा और उन्हें सही दाम भी मिलने लगा। सहकारिता संघ बनने के बाद पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन होने लगा। भरपूर मात्रा में दूध में पोषक तत्वों की जरूरतों का भी ध्यान रखा गया। उसी श्वेत क्रांति का परिणाम है जो आज हमारे देश में निर्मित विकसित अमूल (आनंद) डेयरी कंपनी विश्वभर में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली सूची में दर्ज है। उसका 80 प्रतिशत मुनाफा सीधे किसानों तक पहुंचता है। इसी का अर्थ है सहकारिता। जिससे एकता के साथ काम कर जरूरतमंदों को मुनाफा दिलाया जाता है।
विपिन साहू ने कहा कि इसी सोच और जज़्बे के साथ छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य दुग्ध संघ को भी नये आयाम तक ले जाने का प्रयास करेंगे। राज्य को देशभर में दुग्ध उत्पादकता में प्रथम श्रेणी में लाने के लिए काम करेंगे। हमारा महत्वपूर्ण कार्य दूध के उत्पादन को बढ़ाना। ग्रामीणों की समस्या और वहां के बेरोजगारों को दूध के व्यापार से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि निर्धारित दाम पर लोगों को दूध पहुंचे। किसानों को बाजार के शोषण से रोकने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार सहकारिता ही है। दुग्ध संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष विपिन साहू ने भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि हमें राज्य दुग्ध संघ को प्रख्यात बनाये रखने के लिए तीन चरण में कार्य करने की जरूरत है। पहला, ग्रामीण इलाके में वहां के किसानों को पशु पालन हेतु प्रोत्साहित करना। दूसरा, जिला स्तर पर दूध को बाजार में पूरी शुद्धता के साथ लोगों तक पहुंचाना और तीसरा, राज्य में उत्पादित दूध को दूसरे राज्यों में आपूर्ति करना। ऐसा होने पर ही हमारे राज्य के दूध की तुलना अमूल जैसे ब्रांड से कर पाएंगे। (मोहम्मद शाह) For English News : the states.news