रायपुर, (mediasaheb.com) छत्तीसगढ़ में मौजूदा सांसदों की टिकट कटने का सिलसिला शुरू होते ही भाजपा में बगावत के सुर उभरने लगे हैं। जिन सांसदों को टिकट कटा है, उनमें से कई सांसदों ने बगावत का झंडा बुलंद कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। विरोध के स्वर सोशल मीडिया पर भी दिखाई दे रहे हैं। जांजगीर में सांसद के बेटे ने पार्टी के फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया का सहारा लिया है।
तो वहीं कांकेर में पूर्व विधायक ने बागी बनकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। जांजगीर लोकसभा से मौजूदा सांसद कमला पाटले का टिकट काटकर यहां से भाजपा ने गुहाराम अजगले को टिकट दिया है।
अब अजगले को प्रत्याशी बनते ही उनके स्थानीय होने पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ यह सवाल खुद कमला पाटले के बेटे प्रदीप पाटले ने लगाया है। शुक्रवार को उन्होंने अपने फेसबुक पर जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार को स्थानीय नहीं होने का आरोप लगाया है। इसके बाद कांकेर से पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले भी भाजपा के खिलाफ खड़ी हो गई हैं।
नाराज सुमित्रा ने पार्टी पर दबाव बनाने के लिए निर्दलीय नामांकन फार्म भी खरीद लिया है और पार्टी के खिलाफ बागी बनकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सुमित्रा ने कहा कि पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया है, जिसने आज तक पार्टी का झंडा तक नहीं उठाया है। मुझे कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने के लिए कहा है, मैं जरूर चुनाव लड़ूंगी, मैंने शुक्रवार को नामांकन फार्म भी खरीद लिया है। रायगढ़ लोकसभा से गोमती साय को टिकट मिलने के बाद जशपुर में भी भाजपा में बगावत के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। 2013 के चुनाव में पार्टी से बगावत करने के कारण 5 सालों तक बनवास झेलने के बाद भाजपा में फिर से शामिल होने वाले जनजातीय समाज के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री गणेश राम भगत दोबारा भाजपा को अलविदा कहने वाले हैं। (हि.स.)।